पटना: वर्ष 2021 में 2 सीटों पर हुए उपचुनाव के दौरान बिहार में राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के बीच जो रिश्ते बिगड़े, वह लगातार बिगड़ते ही चले गए. इसके पीछे की वजह तो जगजाहिर है कि आरजेडी बिहार में ड्राइविंग सीट चाहता है.नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) का स्पष्ट कहना है कि जिस राज्य में क्षेत्रीय दल मजबूत स्थिति में हो कांग्रेस को उन्हें सपोर्ट करना चाहिए. यही वजह है कि चाहे पिछले साल का उपचुनाव हो या इस वर्ष होने वाला बिहार विधान परिषद चुनाव (Bihar Legislative Council Election) हो. कांग्रेस के बगैर ही आरजेडी मैदान में है.
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एमएलसी चुनाव में आरजेडी और कांग्रेस में गठबंधन (Alliance Between RJD and Congress) नहीं हो पाने पर राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि हम कांग्रेस को दरकिनार नहीं कर रहे, बल्कि कांग्रेस ही जमीनी हकीकत को समझने से इंकार कर रही है. उन्होंने कहा कि जब आरजेडी बिहार में मजबूत स्थिति में है तो कांग्रेस को तेजस्वी यादव का समर्थन करना चाहिए, हम बस इतना ही चाहते हैं.
हालांकि कांग्रेस नेता आरजेडी के इस ऑफर को सिरे से नकारते हैं. पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में सभी 40 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे. आरजेडी क्या सभी 40 सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ सकती है, जाहिर तौर पर वह ऐसा नहीं करेगी तो इस चुनाव में भी वे इस तरह की शर्त क्यों रखना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है. लिहाजा ऐसा संभव नहीं कि कोई राष्ट्रीय पार्टी किसी क्षेत्रीय दल के लिए अपनी सारी सीटें छोड़ दे या कोई क्षेत्रीय दल किसी राष्ट्रीय पार्टी के लिए अपनी सारी चीजें कुर्बान कर दे. उन्होंने कहा कि आरजेडी जब-जब कांग्रेस के साथ चली है तो उसका ड्राइव स्मूथ रहा है लेकिन जब भी अकेले चले हैं तो गड्ढे में गिरे हैं.