बिहार

bihar

ETV Bharat / state

चाय पर चर्चा में बोले लोग- सिर्फ बेरोजगारी नहीं, नोटबंदी और GST जैसे मुद्दे भी रहेंगे हावी

लोकसभा चुनाव में क्या होगें चुनावी मुद्दे पर राजधानी में ईटीवी भारत की ओर से आयोजित हुई चाय पर चर्चा में लोगों ने अपनी राय रखी.

चाय पर चुनावी चर्चा

By

Published : Mar 16, 2019, 11:33 AM IST


पटना: राजधानी में ईटीवी भारत की ओर से आयोजित हुई चाय पर चर्चा में लोगों ने अपनी बेबाक राय रखी. क्या होगें चुनावी मुद्दे पर लोगों ने कहा कि मिशन 2019-20 में भ्रष्टाचार और विकास का मुद्दा ही होगा. एक व्यक्ति ने कहा कि नोटबंदी से लोगों को हुई परेशानी का जवाब भी इस चुनाव में मिलेगा.

राजनीतिक पार्टियों ने मिशन 2019 फतह करने के लिए जोर- आजमाइश शुरू कर दी है. सियासी दावपेंच के साथ जातिगत गणित का फॉर्मूला फिट करने की कोशिशें हो रही है. लोकसभा चुनावों मे ताज किसके सिर सजेगा. इसका पता तो आने वाले वक्त में पता चलेगा. लेकिन चौराहों, नुक्कड़ों और चाय की दुकानों पर चर्चा करके लोग अपनी- अपनी सरकारें बना रहे हैं. कहीं नोटबंदी की गूंज है तो कहीं पारिवारिक कलह का शोर है.

आतंकवाद के विरोध में देश एकजुट
ईटीवी भारत ने शुक्रवार को चाय की दुकान पर चाय पर चर्चा कर लोगों कि राय जानने की कोशिश की. चाय की चुस्कियों के बीच देव सिंह बोले कि प्रदेश में विकास की गंगा बह रही है, इसका फायदा तो मोदी जी को मिलेगा. उन्होंने कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर पूरा देश एक मत है. वहीं किसान गोपाल सिंह ने कहा कि जो किसान के हित में काम करेगा सभी किसान उसे ही वोट करेंगे. किसानों की कर्ज माफी से लेकर बीज सब्सिडी एवं खाद उपकरणों की जो बात करेगा उसे ही वोट मिलेगा.

चाय पर चुनावी चर्चा


बेरोजगारी को लेकर कई सवाल
चर्चा में शामिल हुए फराज साहिल ने कहा कि देशभर में बेरोजगारों का हल्ला बोल है रोजगार की बहुत कमी है. ऐसे लोगों को सबक भी सिखाया जाएगा जो खोखले वादे कर रहे हैं. वहीं शैलेंद्र ने कहा कि आतंकवादियों को सबक सिखाने के लिए 56 इंच वाले प्रधानमंत्री की जरूरत है इसलिए जिगरवाला प्रधानमंत्री को वोट देना होगा. जो देश की सुरक्षा का ख्याल रखें देश के युवाओं का ख्याल रखें देश के महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा का ख्याल रखें.

कई मुद्दे रहेंगे हावी
बहरहाल चाय की चुस्कियों के साथ लोकसभा चुनाव पर लोगों ने अपनी बेबाक राय रखी. कोई आतंकवाद और देश हित का मुद्दा बना रहा है. कोई किसानों की कर्ज माफी और किसानों के हित की बात कर रहा है. कोई देश भर में लगे नोटबंदी और जीएसटी को मुद्दा बना रहा है. कोई बेरोजगार महिला की सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा को मुद्दा बना रहा है. अब आने वाले दिनों में देखना यह है कि वोटरों का मूड क्या है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details