पटनाःलोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) से पहले राजनीतिक दल एक दूसरे को झटका देने की तैयारी में जुट गए हैं. पिछले दिनों मुजफ्फरपुर में अमित शाह की रैली के बाद अब भाजपा की नजर बिहार के यादव और मुस्लिम वोटर पर है. ऐसे में भाजपा राजद सुप्रीमो लालू यादव को झटका देने के लिए केंद्रीय मंत्री और उजियारपुर सांसद नित्यानंद राय को हथियार बनाने की तैयारी में है.
जातीय सर्वे रिपोर्ट का फायदा उठाने में भाजपाः कभी जातीय सर्वे का विरोध करने वाली भाजपा का रूख बदलlता बदला नजर आ रहा है. भाजपा नेता लगातार बयान दे रहे हैं कि वे जातीय सर्वे के समर्थन में हैं. इधर, भाजपा जातीय सर्वे रिपोर्ट का फायदा उठाने की पूरी प्लानिंग में जुट गई है. जातीय रिपोर्ट में यादव की आबादी 14.26 प्रतिशत और मुस्लमानों की आबादी 17 प्रतिशत है. ऐसे में भाजपा 'माई' समीकरण के तहत एक्शन प्लान तैयार कर ली है.
14 नवंबर को शक्ति प्रदर्शन करेंगे नित्यानंद रायः आगामी 14 नवंबर को राजधानी पटना के बापू सभागार में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय शक्ति प्रदर्शन करने जा रहे हैं. बापू सभागार में 10 हजार से अधिक यादव जाति के लोगों को भाजपा की सदस्यता दिलाई जाएगी. तमाम वैसे नेताओं को भाजपा में शामिल कराया जाएगा, जो राष्ट्रीय जनता दल में या तो सक्रिय हैं या फिर पार्टी के पदाधिकारी हैं.
"कोई यादव सम्मेलन नहीं है. हम बड़ा कार्यक्रम करने जा रहे हैं. जो यादव पार्टी ज्वाइन करेंगे, वैसे लोगों को आमंत्रित किया गया है. भाजपा कोई जाति की पार्टी नहीं बल्कि जमात की पार्टी है. यहां सभी धर्म और जाति के लोग रहते हैं. यादव समुदाय के लोग पहले से हमारे साथ हैं, लेकिन हम संख्या में और इजाफा करना चाहते हैं."-रामसूरत राय, भाजपा नेता
पार्टी में खुद को मजबूत करेंगे नित्यानंदः गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय एक तीर से दो निशाना साधना चाहते हैं. एक ओर जहां लालू प्रसाद यादव को झटका देने की तैयारी है, वहीं दूसरी तरफ नित्यानंद राय साबित करने की कोशिश करेंगे कि वह जिस जाति से आते हैं उस जाति पर उनकी पकड़ बरकरार है या नहीं. इससे भाजपा में खुद को ताकतवर नेता साबित करने की कोशिश करेंगे. हालांकि भाजपा के इस प्लान पर राजद ने निशाना साधा है. कहा कि यादव किसी के बहकावे में आने वाले नहीं है.
"RSS और भाजपा के दोमुहापन का यह बेहतर नमूना है. तीन दिन पहले अमित शाह यादवों को गाली देकर गए हैं. नित्यानंद राय भ्रम में जी रहे हैं. उन्हें पार्टी से पूछना चाहिए कि यादव को किस आधार पर जोड़ना चाहते हैं. यादव जाति के लोग इनके बहकावे में आने वाले नहीं हैं."-रामानुज यादव, प्रवक्ता, राजद