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शहर को सील करने के मामले में बाढ़ अनुमंडल फिसड्डी, उड़ाई जा रही सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां

बाढ़ अनुमंडल को कोरोना से बचाव के लिए सील किया गया है, लेकिन ये सील नाम के लिए है. सब कुछ नार्मल चल रहा है. दुकानें खुल रही हैं. वहीं, प्रशासन का कहना है कि केवल जरूरी दुकानें खुली है.

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Published : Jul 24, 2020, 8:05 PM IST

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पटना: बाढ़ अनुमंडल में कोरोना से बचाव के लिए लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंस की उड़ती धज्जियां को लेकर पूरे शहर को सील करने की कवायद प्रशासन द्वारा की गई है. लेकिन शहर को सील करने का तरीका शहर वासियों को रास नहीं आ रहा है.

सील के बावजूद खुल रही दुकानें
दरअसल, प्रशासन द्वारा शहर को सील नहीं किया गया है, बल्कि सिर्फ फॉर्मेलिटी निभाई गई है, जहां भी बांस-बल्ले लगाए गए हैं सब के सब अधूरे लगाए गए हैं, जिस कारण साइकिल, मोटरसाइकिल आराम से इस लक्ष्मण रेखा को पार कर रहे हैं. धड़ल्ले से लोग प्रतिबंधित क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं.

प्रतिबंधित क्षेत्र में भी घुस रहे लोग

वहीं, बाढ़ प्रशासन की मानें तो प्रतिबंधित क्षेत्र में दवा और किराना दुकान के अलावे कोई दुकान नहीं खुलना है, जबकि ठीक इसके उलट कई तरह की दुकानें खुली हुई हैं. इस कारण भीड़ का आलम जस का तस बना हुआ है.

बख्तियारपुर में नियम का हो रहा पालन
हकीकत तो यह है कि शहर सील करने के मामले में बाढ़ अनुमंडल फिसड्डी साबित हुई है. वहीं, बख्तियारपुर प्रखंड प्रशासन की सर्वत्र सराहना हो रही है, क्योंकि बख्तियारपुर प्रखंड प्रशासन द्वारा शहर को सील करने में कोई कोताही नहीं बरती गई है. भरपूर बांस बल्ले के साथ जाली तक लगा दिया गया है. इतना ही नहीं सील किए गए जगह पर प्रतिबंधित क्षेत्र का बैनर भी लगा दिया गया है, जबकि बाढ़ शहर में बाढ़ प्रशासन द्वारा ऐसी कुछ भी व्यवस्था नहीं की गई है.

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