पटना: कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन से आम और खास की दिनचर्या बदल गई है. आमतौर पर लोगों से घिरे रहने वाले मंत्री भी लॉकडाउन के नियमों का पालन करते दिख रहे हैं.
बिहार के कई मंत्री अपने घरों में कैद होकर आवश्यक सरकारी काम निपटा रहे हैं, तो कई मंत्री पुस्तकें पढ़कर, तो कई अपने परिवारों व बच्चों के साथ तो कोई गार्डेन में लगे फूल-पत्ती को प्रतिदिन पानी देकर समय गुजार रहे है.
लॉकडाउन: घर से ही निपटा रहे जरूरी फाइलें
इधर, राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी अपना अधिकांश समय घरो में ही गुजार रहे हैं. सरकारी आवश्यक बैठक होने पर घरों से निकल जरूर रहे हैं, लेकिन सरकारी काम भी घरों से ही निपटा रहे हैं. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि लॉकडाउन का पालन करें और घरों में ही रहे.
विनोद कुमार झा, मंत्री, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण लॉकडाउन में किताबों को बनाया दोस्त
इधर, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री विनोद कुमार झा इस लॉकडाउन में मिले समय को अच्छी पुस्तकों को पढ़कर गुजार रहे हैं. झा कहते हैं कि उनको प्रारंभ से ही पढ़ने का शौक रहा है. ऐसे में अब समय तो काफी कम मिलता है, लेकिन अभी भी जब समय मिलता है, तो वे पुस्तक पढ़ते हैं. उन्होंने बताया कि घर के कार्यालय से ही सरकारी कामों को निपटा भी रहा हूं.
महेश्वर हजारी, मंत्री, बिहार सरकार गार्डेन में लगे फूल-पत्ती को प्रतिदिन पानी दे रहे हैं
बिहार के मंत्री महेश्वर हजारी भी देश के प्रधानमंत्री के फैसले के साथ है. उन्होंने कहा कि कोरोना को हराने के लिए लोगों को घरों में कैद रहना ही पड़ेगा. हजारी घर के गार्डेन में लगे फूल-पत्ती को प्रतिदिन पानी दे रहे हैं और इसी में समय गुजार रहे हैं. उन्होंने कहा, 'इससे जो समय बचेगा, उसमें किताब पढूंगा.
चुनावी साल में जनता से दूर कैसे रहें
इस दौरान हालांकि विधायक अपने क्षेत्र के लोगों से बात करना नहीं भूल रहे हैं.कई मंत्री बने विधायक फोन द्वारा ही अपने क्षेत्र की जनता से संपर्क साध रहे हैं. एक नेता कहते भी हैं कि इस साल चुनाव का है, जनता से दूर कैसे रहा जा सकता है.
राज्य के मंत्री और जेडीयू नेता अशोक चौधरी घर पर बिता रहे है पूरे दिन परिवार से साथ बिता रहें वक्त
इधर, राज्य के मंत्री और जेडीयू नेता अशोक चौधरी अपना ज्यादा समय घर पर गुजार रहे हैं. इस दौरान वे बच्चों के साथ खेल रहे हैं और परिवार को भरपूर समय दे रहे हैं. चौधरी कहते हैं, 'सार्वजनिक जीवन में काफी कम समय मिलता है. ऐसे में परिवार को काफी कम समय दे पाता है. इस लॉकडाउन में परिवार के साथ ही समय गुजार रहा हूं.'