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लॉकडाउन में राहत: बाहर फंसे 1.3 लाख मजदूरों के खाते में नीतीश सरकार ने डाले पैसे - लॉकडाउन में फंसे बिहारी

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप और राज्यों से किए गए अनुरोध को देखते हुए केंद्र सरकार लॉकडाउन को बढ़ाने पर विचार कर रही है. पढ़ें बिहार से लॉकडाउन पर अब तक की पूरी खबर:-

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Published : Apr 8, 2020, 7:54 AM IST

पटना:14 अप्रैल के बाद देश भर में लॉकडाउन लागू रहेगा या हटेगा, इस पर केंद्र सरकार की ओर से कोई फ़ैसला नहीं किया गया है. लेकिन कई राज्य इसे जारी रखने के पक्ष में हैं.

सरकारी सूत्रों की माने तो कई विशेषज्ञ और राज्य सरकारें कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर केंद्र सरकार से लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने का आग्रह कर रहे हैं. केंद्र सरकार भी इस दिशा में विचार कर रही है. सबसे पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा कि वह लॉकडाउन बढ़ाने के लिए पीएम मोदी से अपील करेंगे. हालांकि इस पर बिहार सरकार की तरफ से कोई बयान नहीं आया है.

कोरोना के हालात की CM ने की समीक्षा

इस बीच, मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों की अब तक की स्थिति का जायजा लिया. एक अणे मार्ग स्थित अपने आवास पर मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव और अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. मुख्यमंत्री ने राज्य में दवा, मास्क और जरूरी इक्विपमेंट की उपलब्धता के संबंध में जानकारी ली.

लॉकडाउनः बिहार से बाहर फंसे, खाते में भेजे पैसे

लॉकडाउन के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को प्रदेश से बाहर फंसे बिहार के लोगों को आर्थिक मदद देने वाली योजना की शुरुआत की. इसके तहत पहले दिन अन्य राज्यों में फंसे एक लाख तीन हजार 579 लोगों के खाते में हजार रुपये प्रति व्यक्ति की दर से आर्थिक मदद भेजी गई.

इन राज्यों में फंसे हैं लोग

बता दें कि राज्य सरकार को सबसे ज्यादा आवेदन देश की राजधानी दिल्ली से मिली है, जहां पर लगभग 55,264 मजदूर और अन्य जो लोग फंसे हुए हैं उन्होंने आवेदन भेजा है. इसके अलावा हरियाणा से 41,500 वहीं महाराष्ट्र से 30,576 गुजरात से 25,638 उत्तर प्रदेश से 23,832 पंजाब से 15,596 और कर्नाटक से 15,428 तमिलनाडु से 11,914 राजस्थान से 11,776 इसके अलावा अन्य कई राज्यों में फंसे बिहार के लोगों ने राज्य सरकार को मदद के लिए गुहार लगाई है.

मरकज मामले पर कंफ्यूजन में नीतीश सरकार!

मरकज मामले को लेकर बिहार सरकार पर संकट के बादल घिरते दिख रहे हैं. अब तक लोगों का सही आंकड़ा जुटाया नहीं जा सका है. वहीं, अधिकारी भी इसपर कुछ साफ नहीं बोल रहे हैं. जानकारी के मुताबिक बिहार से भी बड़ी संख्या में इस मरकज सम्मेलन में भाग लेने गए थे. लेकिन, अब तक उनकी सही जानकारी नहीं मिली है. जमात में बिहार से कितने लोग गए थे इसपर केंद्र का आंकड़ा अलग औैर बिहार सरकार के अधिकारियों के पास अलग जानकारी है.

सबा-फराह की अपील, घर में रहिए

इस बीच, राजधानी के समनपुरा इलाके में रहने वाली सबा-फराह (जन्म से सिर जुड़े) ने देशवासियों से अपील की है- सभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात मानें. लॉकडाउन का पालन करें और घर से न निकलें.

नहीं है टेस्ट किट की कमी: मंगल पांडेय

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने किसी भी प्रकार की कमी से साफ इनकार किया है. उन्होंने कहा कि सूबे में कोरोना बीमारी से संबंधित आवश्यक सामग्रियों की अधिप्राप्ति नियमित हो रही है और आवश्यक मात्रा में आपूर्ति भी की जा रही है.

15 स्वस्थ होकर घर लौटे : स्वास्थ्य मंत्री

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने मंगलवार को कहा कि हमारे यहां पॉजिटिव मरीजों की संख्या कम है. पिछले 60 घंटे में कोई भी पॉजिटिव केस नहीं आया है. साथ ही 15 लोग ठीक होकर घर लौटे है. लेकिन इसके चलते खुश होनी की जरूरत नहीं है.

'असंगठित मजदूरों का सही आंकड़ा सरकार के पास नहीं'

बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री विजय सिन्हा ने कहा की रजिस्टर्ड मजदूरों को सहायता राशि उनके खातों में भेजी जा रही है. हांलाकि, सरकार के पास अप्रवासी मजदूरों को लेकर सही आंकड़ा ही नहीं है. सरकार ऐसे मजदूरों को लिए भी चिंता कर रही है. जिनका आंकड़ा सरकार के पास नहीं है. ऐसे मजदूरों को डिटेक्ट करने की कोशिश की जा रही है. जल्द ही सभी मजदूरों को डिटेक्ट कर मदद की जाएगी.

जीविका दीदीयों ने अब तक बनाए 5 लाख मास्क

बिहार के बाजर में मास्क की कोई कमी नहीं है. इसको लेकर ग्रामीण एवं संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि प्रदेश के अलग-अलग हिस्से में जीविका समूह ने 5 लाख से ऊपर मास्क का निर्माण कर लिया है.

पटनाः लॉकडाउन के दौरान साइबर अपराधी एक्टिव

एसबीआई बैंक के जनरल मैनेजर दिनेश कुमार ने बैंकों के ग्राहकों के साथ-साथ आम जनता से अपील किया है कि लॉकडाउन के दौरान साइबर अपराधी काफी एक्टिव हो गए हैं. साइबर अपराधी के शिकार होने से पहले सचेत रहे क्योकि कभी भी बैंक किसी से ओटीपी नहीं पूछता है. साथ ही बैंक मैनेजर में सभी जनता से आग्रह करते हुए कहा कि इस तरह का कोई भी कॉल अगर आता है तो तुरंत बैंक को सूचित करें.

ट्रांसपोर्टरों के साथ समीक्षा बैठक

परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कई ट्रांसपोर्टरों के साथ समीक्षा बैठक की. उन्होंने बताया कि एसेंशियल-नॉन एसेंशियल मालवाहक वाहनों के आने जाने पर किसी तरह की कोई रोक नहीं है. सभी ट्रांसपोर्टर मालवाहक वाहनों को निर्बाध रूप से चलाएं.

गोविंद मित्रा रोड में ताक पर सोशल डिस्टेंसिंग

बिहार की सबसे बड़ी दवा मंडी राजधानी के गोविंद मित्रा रोड में स्थित है. इस मंडी से ना सिर्फ पटना बल्कि बिहार के सभी जिलों में दवा की सप्लाई होती है. लेकिन जब ईटीवी भारत की टीम जब इस दवा मंडी में पहुंची तो ना कोई घेरा नजर आया और ना ही लोगों को कोई चिंता कि अगर वे सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल नहीं रखेंगे, तो कोरोना संक्रमण उन्हें भी हो सकता है.

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