पटना : राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद इसको लेकर बिहार में भी सियासत शुरू हो गई है. अब इस पर एलजेपीआर प्रमुख चिराग पासवान की भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा है कि कोर्ट के आदेश से ही उनकी सदस्यता गई थी और कोर्ट ने ही आज उनकी सदस्यता को बहाल किया है और कोर्ट के इस फैसले का हम लोग स्वागत करते हैं. कोई कुछ कहे, लेकिन ये न्यायपालिका का मामला है और न्यायपालिका के फैसले का स्वागत करना चाहिए.
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ललन सिंह की भाषा पर उठाए सवाल : लोकसभा में जिस तरह से जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने मोदी सरकार पर निशाना साधा था, उसपर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए चिराग पासवान ने कहा कि उनकी भाषा कहीं से भी ठीक नहीं थी. जिस तरह की भाषा का प्रयोग राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर रहकर सदन के अंदर ललन सिंह ने किया वो कहीं से भी किसी को ठीक नही लगा होगा. देश की जनता ने उनकी भाषा देखी है. हम मानते है कि लड़ाई के मैदान जैसी भाषा सदन के अंदर बोलना कोई जरूरी नहीं है. इससे किसी को जनता बड़ा पार्टी का नेता नहीं समझने लगेगी.
"न्यायालय पर हम सब का भरोसा है. ऐसे में जब आप आरोप लगाते है कि षडयंत्र रचा गया तो कहीं न कहीं न्यापालिका को गलत दिखाता है. मैं इस फैसले का सम्मान करता हूं. जहां तक ललन सिंह की बात है तो जिस तरह से सदन में उनका गुस्सा देखने को मिला, कहीं से ठीक नहीं है. देश की जनता सब देख रही है कौन क्या कर रहा है, क्या नहीं. जनता ऐसे नेताओं की बातों पर खुद संज्ञान लेगी."- चिराग पासवान, एलजेपीआर प्रमुख
'जनता खुद संज्ञान लेगी' : चिराग ने कहा कि जो संदेश वो अपने भाषण के जरिए दिए वो क्या था. किस तरह की बात उन्होंने की. ये सभी को पता है. उन्होंने कहा की खुद कहां हैं, किसके साथ हैं, क्या कर रहे हैं, ये बात उन्हें याद रहना चाहिए. जिस घोटालेबाज लोगों का विरोध कर वो सत्ता में आए. आज उनके साथ हैं. जिस प्रधानमंत्री ने उनका साथ दिया. उनकी पार्टी को बिहार के सत्ता में आने में मदद की. आज उन्हीं को लेकर कुछ से कुछ बोलते रहते हैं.