पटना:बिहार विधानसभा के लिए होने वाले दो सीटों के उपचुनाव (Bihar Assembly By-Election) में लोजपा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. जमुई के सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने स्पष्ट कर दिया है कि बिहार के दोनों रिक्त सीटों पर पार्टी दमदार उम्मीदवार उतारेगी.
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जदयू विधायक सह पूर्व शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी के निधन के बाद तारापुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव (Tarapur Assembly Seats By-Election) होना है. दरअसल उपचुनाव के लिए सत्ता पक्ष की ओर से भी पूरी तैयारी की जा रही है तो वहीं विपक्ष भी पूरे दमखम के साथ तैयारी में जुटा हुआ है. इधर लोजपा ने निर्णय लिया है कि दोनों विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारा जाएगा. हालांकि अब तक यह तय नहीं हुआ है कि लोजपा अकेले चुनाव में उतरेगी या फिर गठबंधन के तहत चुनाव लड़ेगी.
तारापुर विधानसभा सीट जदयू के कोटे में है, इसलिए भाजपा यहां से अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी. जबकि भाजपा और जदयू गठबंधन में है. चिराग पासवान के द्वारा जदयू के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा करने से साल 2020 के विधानसभा चुनाव के जैसे ही जदयू को कहीं ना कहीं भारी नुकसान हो सकता है.
"चिराग पासवान ने स्पष्ट कर दिया है कि बिहार विधानसभा की दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव में लोजपा अपने उम्मीदवार खड़े करेगी. संसदीय बोर्ड इसपर गंभीरता से विचार कर रहा है. हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ही फैसला करेंगे कि हम अकेले या गठबंधन में चुनाव लड़ेंगे."- चंदन सिंह,प्रवक्ता,लोजपा
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लोजपा के द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार चिराग पासवान ने निर्णय लिया है कि विधानसभा की 2 सीटें तारापुर और कुशेश्वरस्थान पर होने वाले उपचुनाव में लोजपा अपना उम्मीदवार उतारेगी. लोजपा के विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवार का चयन कर लिफाफे में उन दोनों का नाम बंद कर मोहर लगाने के लिए दिल्ली भेज दिया गया है. अंतिम फैसला संसदीय बोर्ड को लेना है.
हालांकि चिराग पासवान के पास दो ऑप्शन है. लगातार विपक्ष की तरफ से उन्हें साथ आकर चुनाव लड़ने का ऑफर मिल रहा है और वह अकेले भी चुनावी मैदान में पिछले विधानसभा की तरह उतर सकते हैं. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार अगर चिराग पासवान महागठबंधन के साथ जाकर उपचुनाव लड़ते हैं तो उन्हें कहीं ना कहीं तेजस्वी यादव को सीएम कैंडिडेट मानना पड़ेगा, जिसके लिए वह तैयार नहीं हैं.
हालांकि विधानसभा चुनाव में अकेले चुनाव लड़ कर भी चिराग पासवान ने देख लिया है. लोजपा को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था. वहीं लोजपा का जदयू को नुकसान पहुंचाने का यह फैसला कामयाब हुआ था. बिहार विधानसभा चुनाव और अपने पिता के मृत्यु के बाद चिराग पासवान इन दिनों बिहार की राजनीति को लेकर काफी सजग हो गए हैं. आशीर्वाद यात्रा के माध्यम से वह बिहार के विभिन्न जिलों के भ्रमण भी कर रहे हैं.
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भ्रमण के दौरान जिस तरह से जनता का उन्हें प्यार मिल रहा है, उससे वह काफी उत्साहित हैं और चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है. पॉलिटिकल एक्सपर्ट डॉ संजय कुमार की मानें तो लोजपा के पास अपना जनाधार है. इस जनाधार पर चिराग अपनी पकड़ मजबूत रखना चाहते हैं.
देखा जाए तो 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा भले ही केवल एक सीट पर जीत हासिल की हो, लेकिन जदयू राजद और कांग्रेस को उसने काफी नुकसान पहुंचाया था. हालांकि लोजपा में हुए दो फाड़ के बाद यह तय नहीं हुआ है कि लोजपा के बंगले का असली हकदार कौन होगा. दोनों गुटों की तरफ से लगातार बंगले या यूं कहें पार्टी के सिंबल को लेकर दावे किए जा रहे हैं परंतु अंतिम फैसला चुनाव आयोग को लेना है.
माना जा रहा है कि लोजपा के द्वारा दोनों सीटों पर चुनाव के दौरान उम्मीदवार के द्वारा जदयू को नुकसान पहुंच सकता है. आपको बता दें कि बिहार विधानसभा की 2 सीटों पर उपचुनाव होने वाला है. तारापुर से मेवालाल चौधरी और कुशेश्वरस्थान से शशिभूषण हजारी की मृत्यु के बाद दोनों सीटें खाली थीं, जिस पर उपचुनाव होना तय हुआ है. उपचुनाव को लेकर अबतक चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है. लेकिन राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी जोर-शोर से शुरू कर दी है. इन दोनों विधानसभा के उपचुनाव की सीटों पर सत्ता दल के मंत्रियों का भ्रमण भी शुरू हो चुका है.
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