पटना:नगालैंड में 60 सीटों पर विधानसभा चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी गयी है. नामांकन पत्र दाखिल करना शुरू हो गया है. सात फरवरी तक नामांकन होगा. नागालैंड चुनाव को लेकर बिहार में भी सियासी हलचल बढ़ गयी है. वजह, यहां की क्षेत्रीय पार्टियों का नागलैंड चुनाव में किस्मत आजमाना है. जदयू पूरे दमखम के साथ मैदान में है. वहीं जदयू की धार कुंद करने के लिए लोजपा (रामविलास) ने भी अपने उम्मीदवार उतारने ( LJP will contest Nagaland assembly elections) का निर्णय लिया है.
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बिहार की तर्ज पर उतारेगी उम्मीदवारः लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने ETV भारत से टेलीफोन पर हुई बातचीत में बताया कि बिहार की तर्ज पर ही वह नागालैंड में चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने बताया कि वह बिना किसी गठबंधन के नागालैंड में चुनाव लड़ने जा रहे हैं. लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमुई सांसद चिराग पासवान ने बताया कि कितने सीटों पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं, इसकी घोषणा जल्दी ही कर दी जाएगी. उन्होंने बताया कि बिहार में जिस तरह से साल 2020 से विधानसभा चुनाव लड़ा था ठीक उसी प्रकार वह नागालैंड में चुनाव लड़ने जा रहे हैं.
जदयू नेत्री ने कसा तंजः यानी कि नागालैंड में होने वाले चुनाव में वह बीजेपी के उम्मीदवार के सामने अपने उम्मीदवार नहीं उतारेंगे. वहीं जहां-जहां राजद और जदयू के उम्मीदवार होंगे उनके सामने लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास अपना उमीदवार उतारेगी. माना जा रहा है कि बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए लोजपा रामविलास अपने उम्मीदवार उतार रही है. लोजपा के इस निर्णय पर जदयू नेत्री भारती मेहता ने तंज कसते हुए कहा कि रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान वोट कटवा के रूप में खुद को स्थापित कर रहे हैं.
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जदयू पर नहीं पड़ने वाला असरः भारती मेहता ने कहा कि नागालैंड में जदयू और राजद उम्मीदवार के खिलाफ उम्मीदवार उतारने से ही तय हो जाएगा कि वह भारत में सबसे बड़े वोट कटवा के रूप में खुद को साबित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नागालैंड में लोक जनशक्ति पार्टी के चुनाव लड़ने से जदयू पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है. जदयू नेत्री ने दावा किया कि लोक जनशक्ति पार्टी नागालैंड में भी बिहार के तरह ही जीरो पर आउट हो जाएगी. अब देखने वाली बात यह होगी कि लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास नागालैंड चुनाव में कितने सीटों पर चुनाव लड़ती है और वह नागालैंड में भी जदयू को नुकसान पहुंचा पाती है कि नहीं यह तो नागालैंड चुनाव परिणाम ही बताएगा.
बीजेपी को मिल सकता है फायदाः पॉलिटिकल एक्सपर्ट डॉक्टर संजय कुमार की मानें तो जदयू और राजद उम्मीदवारों के सामने अगर लोक जनशक्ति पार्टी अपने उम्मीदवार उतारती है तो कहीं ना कहीं बिहार वाला स्थिति नागालैंड में भी देखने को मिलेगा. इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिल सकता है. उन्होंने बताया कि सभी पार्टियों को जीतने की उम्मीद होती है. लोक जनशक्ति पार्टी भी अपने उम्मीदवार की जीत की उम्मीद लगाई होगी. अगर इसमें सफल नहीं होती है तो भी कहीं ना कहीं जदयू और राजद के लिए खतरा जरूर साबित होगी. बिहारी वोटरों को अपनी ओर खींचने में कुछ सफल रहेगी, जिसका सीधा फायदा बीजेपी को मिल सकता है.
"रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान खुद को वोट कटवा के रूप में स्थापित कर रहे हैं. नागालैंड में जदयू और राजद उम्मीदवार के खिलाफ उम्मीदवार उतारने से ही तय हो जाएगा कि वह वोट कटवा हैं. नागालैंड में लोक जनशक्ति पार्टी के चुनाव लड़ने से जदयू पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है" -भारती मेहता, जदयू नेत्री