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UP और मणिपुर के चुनाव में अकेले उतरी LJPR.. जमानत भी जब्त, अब दिल्ली MCD चुनाव में दांव की तैयारी

लोजपा रामविलास दिल्ली एमसीडी का चुनाव लड़ने जा रही है. इसको लेकर राजनीतिक विशेषज्ञ ने कहा कि हर जगह चुनाव लड़ना और हार का का मुंह देखने से पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल घट रहा है. लोजपा रामविलास पार्टी को इस बारे में सोचना चाहिए. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

चिराग पासवान
चिराग पासवान

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Published : Mar 11, 2022, 6:15 PM IST

पटनाः लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास (Lok Janshakti Party Ramvilas) बिहार की क्षेत्रीय पार्टी होने के बावजूद भी बिहार विधानसभा चुनाव में बिना गठबंधन के चुनाव लड़कर अपनी सीट भी नहीं बचा पाई थी. ऐसे में बिहार से चुनाव में हार का सबक लेने के बावजूद भी लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास 90 से ज्यादा सीटों पर उत्तर प्रदेश में और 3 सीटों पर मणिपुर में चुनाव लड़ी थी, जहां पर जमानत बचा पाना भी मुश्किल साबित हुआ. यहीं नहीं, इतनी फजीहत के बाद भी चिराग पासवान अब बिहार निकाय चुनाव की सीटों पर और दिल्ली एमसीडी का चुनाव लड़ने जा रहे हैं.

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एलजेपीआर बढ़ा रही है जनाधारः लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास की मानें तो मई में होने वाले दिल्ली नगर निगम के चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी अपने उम्मीदवारों को उतारने जा रही है. लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के प्रदेश प्रवक्ता चंदन सिंह ने कहा कि बिहार में आगामी महीने में होने वाले निकाय चुनाव में कुछ सीटों पर लोक जनशक्ति पार्टी अपने उम्मीदवार उतारेगी. पहले चरण के पांच उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी गई है. उन्होंने कहा कि हमारा मकसद लोक जनशक्ति पार्टी के जनाधार को बढ़ाना है. इस वजह से हम हर प्रदेश में अकेले दम पर चुनाव लड़ रहे हैं. आगामी चुनाव भी लड़ेंगे. चंदन सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जो हमने सोचा था, वैसा परिणाम नहीं आया. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश और मणिपुर में पहले भी लोजपा चुनाव लड़ी थी और वहां पर उनके विधायक भी रह चुके हैं. लेकिन इस बार लोजपा अपना जनाधार भी नहीं बचा पाई है. लेकिन लोजपा का कहना है कि हमारे कार्यकर्ता उत्तर प्रदेश में बढ़े हैं. हमारा जनाधार उत्तर प्रदेश में बढ़ा है. आगे आने वाले दिनों में लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास एक बड़ी भूमिका में होगी.

कार्यकर्ताओं का गिर रहा है मनोबलः आपको बताएं कि लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास ने उत्तर प्रदेश और मणिपुर में चुनाव लड़ा. पार्टी को हार का सामना करना पड़ा. इस पर राजनीतिक विशेषज्ञ डॉक्टर संजय कुमार की मानें तो लोकतंत्र में सबको चुनाव लड़ने का अधिकार है, परंतु उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी वह दिल्ली एमसीडी और बिहार के निकाय चुनाव में अकेले लड़ने जा रहे हैं. इनको कुछ हासिल नहीं होने जा रहा है. बल्कि इनकी विश्वसनीयता गिरती जा रही है. उन्होंने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी लाख दावे कर ले कि उनकी पार्टी का विस्तार हो रहा है, उनका जनाधार बढ़ रहा है. जबकि उनके कार्यकर्ताओं और उनके उम्मीदवार का कहीं ना कहीं मनोबल गिर रहा है.

जमानत हो रही है जब्तः दरअसल उन्होंने कहा कि कोई भी पार्टी टक्कर देने के लिए या जीतने के लिए चुनाव लड़ती है, परंतु यह तो ना ही किसी को टक्कर दे पा रहे हैं और ना ही जीत पा रहे हैं. इनकी तो जमानत जब्त हो जा रही है. उन्होंने कहा कि जब किसी पार्टी को लंबी दौड़ लगानी होती है, तो हर छोटे-बड़े चुनाव में शामिल नहीं होती है. डॉक्टर संजय ने बताया कि एलजेपीआर ने बिहार विधानसभा चुनाव में एक प्रयोग किया था, वह लगभग सफल रहा था. नीतीश कुमार के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा कर उन्हें कमजोर किया गया था. लेकिन जरूरी नहीं कि हर जगह प्रयोग कामयाबा हो सकेगा.

पार्टी को हो रहा है नुकसानः डॉक्टर संजय कुमार ने कहा कि बार-बार इस तरह के प्रयोग से लोक जनशक्ति पार्टी को नुकसान हो रहा है. उनके कार्यकर्ता कमजोर हो रहे हैं और उनकी कैंडिडेट को भी लग रहा है कि वह जीतने के लिए नहीं लड़ रहे हैं. डॉ संजय ने लोजपा को सलाह देते हुए कहा कि इन सब चुनाव से ज्यादा लोजपा को मौजूदा वक्त में आगामी लोकसभा चुनाव और बिहार में 2025 में होने वाले चुनाव को लेकर अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को मजबूत करने की जरूरत है. अगर बिहार में उनका जनाधार मजबूत करने में कामयाबी हासिल करेंगे तो जरूर लोकसभा या आगामी विधानसभा में लोक जनशक्ति पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर सकती है.

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