पटना: घर गया, परिवार गया, भतीजे का प्यार गया, फिर भी मोदी सरकार में मंत्री पद मिलेगा या नहीं पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) अधर में हैं. बड़े भाई स्वर्गीय रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की जगह पशुपति पार्टी के संसदीय दल के नेता तो बन गए, लेकिन नाम के साथ मंत्री पद जुड़ेगा या नहीं पता नहीं.
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लोजपा में टूट हुई तो पटना से लेकर दिल्ली तक बात चली कि पशुपति को मंत्री पद मिलेगा. जदयू की चक्रव्यूह में पार्टी तो बिखड़ गई, लेकिन इसका कितना लाभ मिलेगा पता नहीं. दिल की यह बात पशुपति की जुबान पर ईटीवी भारत के रिपोर्टर से बातचीत के दौरान आ गई.
पता नहीं क्या होगा
मंत्री बनाये जाने संबंधी सवाल पर पशुपति पारस ने कहा, "मोदी सरकार गुप्त है. कुछ पता नहीं चलता क्या होगा. किसको मंत्री बनाना है यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का विशेषाधिकार है. वह मंत्री बनाने से पहले किसी को पता नहीं चलने देते. सारा काम गुप्त तरीके से होता है. जिसके बारे में मीडिया में छपता है कि मंत्र बनने वाले हैं वह नहीं बनता. कोई और मंत्री पद की शपथ ले रहा होता है."
लोजपा का एक सीट है खाली
गौरतलब है कि लोजपा केंद्र की एनडीए सरकार में शामिल है. बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान चिराग पासवान बिहार एनडीए से अलग होकर चुनावी मैदान में उतरे थे. दिवंगत नेता रामविलास पासवान केंद्र में मंत्री थे. उनके निधन के बाद लोजपा से किसी को मंत्री नहीं बनाया गया. बिहार चुनाव में चिराग के बगावती तेवर के चलते जदयू ने बीजेपी पर दबाव रखा कि चिराग को केंद्र में मंत्री पद न मिले.
अब नहीं जदयू को परेशानी
अब जब लोजपा दो फाड़ हो गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ खुला हमला बोलने वाले चिराग पासवान को किनारे कर पांच सांसदों ने पशुपति पारस को अपना नेता मान लिया है तो स्थिति बदल गई है. पशुपति का नीतीश से अच्छा संबंध रहा है. कहा जा रहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में विस्तार होने वाला है. जदयू को भी मंत्री मंडल में जगह मिलने वाली है. इसलिए अब अगर पशुपति को मंत्री पद मिलता है तो जदयू को परेशानी नहीं होगी.
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