पटना: गंगा नदी (Ganga River) में उफान के चलते बिहार के आठ जिलों के 22 लाख से अधिक लोग खतरे में हैं. बाढ़ के चलते हजारों लोगों को घर छोड़कर सुरक्षित स्थान की ओर पलायन करना पड़ा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं और बैठक कर अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं. इस बीच बाढ़ पर राजनीति भी हो रही है.
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लोजपा (LJP) ने बाढ़ प्रभावित इलाकों के नीतीश कुमार के दौरे को बाढ़ टूरिज्म कहा है. लोजपा के प्रवक्ता चंदन सिंह ने कहा, 'बिहार में बाढ़ से बचाव के नाम पर भ्रष्टाचार हो रहा है. हर साल बांध बनते हैं और टूट जाते हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले 16 साल में 16 बार बाढ़ टूरिज्म कर चुके हैं. इसके बावजूद बाढ़ की समस्या जस की तस बनी हुई है.'
"मुख्यमंत्री से आग्रह है कि बाढ़ पर सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए और सभी पार्टियों से विचार-विमर्श कर बाढ़ से बिहार को कम से कम नुकसान हो इसके लिए सार्थक पहल की जाए. सरकार बाढ़ पीड़ितों की मदद में भेदभाव नहीं करे. जरूरतमंदों तक खाना और जरूरी वस्तुओं का वितरण एक समान हो."- चंदन सिंह, प्रवक्ता, लोजपा
बता दें कि बाढ़ से बिहार के 15 जिलों के 82 प्रखंड के 484 पंचायत बुरी तरह प्रभावित हैं. प्रदेश में फिलहाल 36 बाढ़ राहत शिविर चलाए जा रहे हैं. बाढ़ पीड़ितों की संख्या 7608 हो गई है. 5 लोगों की मौत हुई है. बाढ़ पीड़ितों के लिए 178 सामुदायिक रसोई घर चलाए जा रहे हैं. एनडीआरएफ (NDRF) की 8 और एसडीआरएफ (SDRF) की 9 टीम को बाढ़ राहत कार्य में लगाया गया है. सरकार की तरफ से 1724 नावों का परिचालन कराया जा रहा है.
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