पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिगड़ते लॉ एंड ऑर्डर के मद्देनजर पुलिस अधिकारियों को अपराधियों पर नकेल कसने की पूरी खुली छूट दे दी है. उन्होंने पिछले 2 महीने में करीब 5 बार लॉ एंड ऑर्डर को लेकर समीक्षा भी की है. इसके बावजूद भी अपराधी और शराब तस्कर का मनोबल नहीं गिर रहा है. पुलिस द्वारा लगातार बिहार के किसी न किसी जिले से भारी मात्रा में शराब की बरामदगी भी हो रही है.
अपराधियों पर नकेल कसने की तैयारी शराब तस्कर और पुलिस के बीच मुठभेड़
जिस तरह से बिहार के सीतामढ़ी में शराब तस्करों और पुलिस के बीच हुई मुठभेड़ में शराब तस्करों के द्वारा चलाई गई गोली का शिकार दारोगा दिनेश राम हो गए. वहीं, गोली लगने से एक चौकीदार भी घायल हैं. बिहार में ये कोई पहली घटना नहीं है, जिसमें शराब तस्कर या अपराधी ने पुलिस को अपना निशाना बनाया हो. इससे पहले भी अपराधी पुलिस को अपना निशाना बना चुके हैं.
शराब माफियाओं का 'खूनी' खेल 'पुलिस का मनोबल गिरा नहीं, बल्कि बढ़ा'
पुलिस मुख्यालय के एडीजी अमित कुमार के मुताबिक इस तरह की हो रही घटनाओं में वृद्धि पर पुलिस का मनोबल गिरा नहीं है, बल्कि बढ़ा है. पुलिस अभियान चलाकर लगातार राज्य और राज्य के बाहर के शराब तस्करों को गिरफ्तार कर रही है. पुलिस को लगातार सूचना मिलती है जिसके आधार पर शराब तस्करों को गिरफ्तार किया जा रहा है.
''जिस तरह से पुलिस का दबाव शराब तस्करों पर बढ़ा है, उसी की हताशा का कारण है कि शराब तस्कर या अपराधी इस तरह की घटना को अंजाम दे रहे हैं. जिसका शिकार पुलिस वाले हो रहे हैं. हालांकि, पुलिस का काम ऐसा ही है, इसमें इस तरह की घटनाएं होने की आशंका रहती है. फिर भी शहीद दिनेश राम की मृत्यु से पुलिस महकमा मर्माहत है''-अमित कुमार, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर
शराब माफियाओं का 'खूनी' खेल बेखौफ शराब तस्करों पर कसेगी नकेल !
नई सरकार के गठन के बाद शराब बंदी पर काफी जोर दिया जा रहा है. जिसके तहत राज्य के अंदर और राज्य के बाहर के बड़े शराब तस्करों की अभियान के तहत गिरफ्तारी भी की जा रही है. आखिर सवाल यही उठता है कि कब तक पुलिसकर्मी अपनी शहादत देते रहेंगे. इन सभी मामलों को देख कर ये कहना गलत नहीं होगा कि शराब माफियाओं और शराब तस्करों में पुलिस प्रशासन का खौफ दिख रहा है.
शराब माफियाओं का 'खूनी' खेल पुलिसकर्मियों की शहादत कब तक ?
बिहार के अंदर और प्रदेश के बाहर बड़े शराब तस्करों की अभियान चलाकर गिरफ्तारी की जा रही है. आखिर सवाल यही उठता है कि कब तक पुलिसकर्मी अपनी शहादत देते रहेंगे. पुलिस मुख्यालय के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमित कुमार अपराधियों और शराब तस्करों पर किस तरह से नकेल कसते हैं, ये तो आने वाला समय ही बताएगा.