पटना: बिहार सरकार शराबबंदी वापस लेने पर कोई विचार नहीं कर रही है. बिहार में शराबबंदी से लोगों को काफी लाभ पहुंचा है. यह कहना है राज्य के मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री सुनील कुमार का. बता दें कि मणिपुर में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध हटाने के फैसले के बाद बिहार में भी शराबबंदी वापस लेने की मांग हो रही है. फेडरेशन ऑफ इंडियन एल्कोहलिक बेवरेज कंपनी (सीआईएबीसी) ने पिछले दिनों बिहार सरकार को इससे संबंधित पत्र भी भेजा था.
"बिहार सरकार ने समय-समय पर शराबबंदी कानून में संशोधन किया है. हम लोगों का फोकस है कि जो शराब के कारोबारी हैं उनके खिलाफ एक्शन लिया जाए ना कि शराब पीने वालों के खिलाफ. बिहार से बाहर 6000 से अधिक ऐसे लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है. लगातार कार्रवाई की जा रही है."- सुनील कुमार, मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री
शराबबंदी से फायदा हो रहाः उत्पाद मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जहरीली शराब से मौत मामले में मुआवजा देने का भी फैसला लिया है. अब तक डेढ़ सौ लोगों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा के तौर पर दी गई है. इसलिए जरूरत के हिसाब से सरकार कानून में संशोधन और अन्य फैसला ले रही है. पूर्ण शराबबंदी वापस लेने का सरकार कोई विचार नहीं कर रही है. सुनील कुमार ने कहा कि शराबबंदी के कारण रोड एक्सीडेंट का मामला घटा है. पर्व त्योहार के समय और शादी के दौरान हुड़दंग नहीं हो रहा है. लोगों को इसका व्यापक लाभ मिला है. खासकर महिलाओं और गरीब तबकों को शराबबंदी से लाभ पहुंचा है.
भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैंः पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी शराबबंदी हटाये जाने को लेकर मुखर हैं. जीतनराम मांझी ने नीतीश कुमार की शराबबंदी को खुली चुनौती दी है. मांझी ने 2 दिसंबर को पटना में कहा था कि अगर बिहार में एनडीए की सरकार बनती है तो वे शराबबंदी को खत्म कर देंगे. शराब बंद करने से अच्छा लोगों को जागरूक करने का काम करेंगे. मंत्री सुनील कुमार ने कहा जीतन मांझी जब तक एनडीए में हम लोग साथ थे तब तो कभी उन्होंने विरोध नहीं किया. अब 2024 चुनाव सामने है तो भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं.