पटना:वैसे तो सवाल-जवाब के दौरान सदन में अमूमन माहौल तनावपूर्ण ही बना रहता है लेकिन गुरुवार को बिहार विधानसभा की कार्यवाही (Bihar Vidhan Sabha Proceedings) के दौरान कई बार ऐसे पल आए, जब सत्ता पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे की बात पर हंस पड़े. दोनों ओर से खूब हंसी ठिठोली हुई. विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा (Speaker Vijay Sinha) भी खुद को मुस्कुराने से रोक नहीं सके. एक बार तो उनको बोलना पड़ गया कि अब बस करिए, आगे का प्रश्न होने दीजिए. नहीं तो इसी सवाल पर हमलोग रह जाएंगे.
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महबूब आलम के सवाल पर हंसी ठिठोली: कटिहार के बलरामपुर से सीपीआई (माले) विधायक महबूब आलम सरकार के ऑनलाइन जवाब नहीं देखने पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सभी के पीए को पहली बार हम लोगों ने ट्रेनिंग दिलवायी है. आपके पीए ने ट्रेनिंग नहीं ली है क्या? विधानसभा अध्यक्ष के माध्यम से महबूब आलम ने जवाब पढ़ने का अनुरोध मंत्री से किया, इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि महबूब आलम आप अपने पीए को हमारे चैम्बर में भेजिए, लंच टाइम में. उसके बाद विपक्ष और सत्ता पक्ष में मजाकिया अंदाज में एक-दूसरे पर चुटकी ली गई. सत्ता पक्ष ने कहा कि अगर विधायक ही जबाब नहीं पढ़ेंगे तो कैसे होगा. इस पर आसन ने कहा कि सरकार को धन्यवाद देते हैं कि सभी प्रश्नों के शत प्रतिशत जबाब सरकार ने दिया है.
स्पीकर ने ली चुटकी:स्पीकर के ऐसा कहने पर इस पर संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि आपकी ये अच्छी पहल है लेकिन इतनी अच्छी व्यवस्था के बाद भी एक्टिव नहीं हैं तो क्या किया जाए. उन्होंने कहा कि सरकार तो सफल है लेकिन जो असफल हैं, उनके बारे भी कुछ होना चाहिए. इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सभी इस बगिया के फूल हैं. इसलिए अगर कोई कमजोर है तो उसे सूखने नहीं दिया जाएगा. उसके बाद मंत्री विजेंद्र यादव ने भी अपने जवाब में सदस्यों के प्रश्न पर चुटकी ली.
सतीश दास पर विजेंद्र यादव का तंज: वहीं, जहानाबाद के मखदुमपुर से आरजेडी विधायक सतीश कुमार दास ने प्रश्न पूछते हुए कहा कि जहानाबाद में कुछ ओपी को थाना बनाया जाए. इस पर प्रभारी मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि अभी कोई ऐसा प्रस्ताव नहीं है. ओपी तो काम कर ही रहा है. इस पर आरजेडी एमएलए ने कहा कि फिर तो सभी थाने को ओपी बना दें. इस पर जमकर ठहाका लगा. वहीं, विजेंद्र यादव ने कहा कि आपके स्वभाव का हमलोग अनुसरण तो नहीं कर सकते लेकिन आपके प्रस्ताव पर जरूर विचार करेंगे. इसके बाद भी जमकर ठहाका लगा और यह सिलसिला लगातार चलता रहा. विजेंद्र यादव ने कहा कि संसदीय जीवन में जनता हम लोगों को चुनकर भेजती है. इसलिए हमेशा विरोध की बात नहीं होनी चाहिए, कुछ हंसी मजाक भी हो जाना चाहिए.
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