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वामदलों ने बीजेपी की वर्चुअल रैली के विरोध में विश्वासघात दिवस मना कर किया प्रदर्शन - प्रवासी मजदूरों की मृत्यु

धीरेंद्र झा ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों अपने फायदे में लगे हुए हैं. इस समय सबसे जरूरी काम बिहार और देश की जनता को इस महामारी से बचाने का है. लेकिन इन सब को छोड़कर तमाम लोग वर्चुअल रैली में लगे हुए हैं.

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Published : Jun 7, 2020, 2:59 PM IST

पटनाः राजधानी में वामदलों ने संयुक्त रूप से राज्यव्यापी विश्वासघात/धिक्कार दिवस मनाया. वामदलों का आरोप है कि कोरोना के इस संकट काल में सरकार को सभी के जीवन की रक्षा की गारंटी करनी चाहिए. लेकिन इन सभी चीजों को छोड़कर बीजेपी वर्चुअल रैली में लगी हुई है.

विश्वास का अधिकार दिवस
भाकपा नेता धीरेंद्र झा ने कहा कि जनता के भरोसे के साथ हुए विश्वासघात के खिलाफ आज विश्वास का अधिकार दिवस मनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बिहार बदहाल है लाखों की संख्या में मजदूर वापस लौट रहे हैं और हजारों मजदूरों की मौत भी हुई है. क्वारंटीन सेंटर में भी प्रवासी मजदूरों को सुविधाएं नहीं मिली. लेकिन सरकार को इन सब से कोई लेना-देना नहीं है.

देखें रिपोर्ट

'सरकार को लोगों से नहीं है कोई लेना देना'
धीरेंद्र झा ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों अपने फायदे में लगे हुए हैं. इस समय सबसे जरूरी काम बिहार और देश की जनता को इस महामारी से बचाने का है. लेकिन इन सब को छोड़कर तमाम लोग वर्चुअल रैली में लगे हुए हैं. यह रैली लोगों के जले पर नमक छिड़कने जैसा है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार सोई हुई है और उन्हें लोगों से कोई लेना देना नहीं है.

'मांग नहीं मानने पर जारी रहेगा आंदोलन'
भाकपा नेता ने कहा कि सरकार से हमारी मांग है कि 6 महीने तक इनकम टैक्स के दायरे से बाहर सभी परिवारों को 75 सौ रुपये मासिक सहायता दी जाए. सभी व्यक्ति को 10 किलो अनाज दिया जाए. जिन प्रवासी मजदूरों की मृत्यु हुई है उनके परिवार को मुआवजा मिले. मनरेगा में 200 दिन का कार्य दिवस निर्धारित किया जाए और जो भी प्रवासी मजदूर बिहार लौट रहे हैं उनके रहने और खाने की पूरी व्यवस्था सरकार करे. उन्होंने कहा कि अगर सरकार हमारी मांग नहीं मानती तो यह आंदोलन जारी रहेगा.

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