वामदलों की विधानसभा सत्र में सरकार को घेरने की तैयारी पटना : बिहार विधानसभा का मानसून सत्र में इसबार काफी गहमागहमी होने के आसार हैं. बिहार में शिक्षक बहाली के मुद्दे पर इस बार का विधानसभा सत्र हंगामेदार रहने वाला है. महागठबंधन सरकार में सहयोगी लेफ्ट पार्टियां नियोजित शिक्षकों को परीक्षा में शामिल किए जाने का विरोध कर रही है. शिक्षक बहाली में कई बिंदुओं पर इनकी आपत्ति है और इसको लेकर पूर्व में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू यादव से मुलाकात हो चुकी है.
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विधानसभा में सरकार को घेरने की तैयारी : कोई समाधान नहीं निकलने पर लेफ्ट पार्टियों ने विधानसभा सत्र के दौरान सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की है. तीनों लेफ्ट पार्टियों ने निर्णय लिया है कि आगामी विधानसभा सत्र में नियोजित शिक्षकों को बिना परीक्षा राज्य कर्मी का दर्जा देने की मांग और पूर्व से सीटेट, बीटेट, एसटीईटी उत्तीर्ण शिक्षकों को सीधे विद्यालय में सातवें चरण की बहाली के तहत ज्वाइन कराई जाए. ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के लिए विधानसभा सत्र चुनौतीपूर्ण होने जा रही है.
सदन के अंदर और बाहर भी होगा प्रदर्शन: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पांडे ने कहा कि उनके पार्टी के विधायक और विधान पार्षद दोनों सदन में विधानसभा सत्र के दौरान शिक्षकों के मुद्दे को लेकर अपनी आवाज बुलंद करेंगे और सदन के अंदर भी अपनी मांग रखेंगे और सदन के बाहर भी इसको लेकर प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि वर्षों से कार्यरत नियोजित शिक्षकों को बिना किसी परीक्षा लिए सरकार राज्य कर्मी का दर्जा प्रदान करें यह उनकी मांग है.
"2 दिन पूर्व तीनों वामदलों की एक बैठक शिक्षकों के मुद्दे पर हुई है और सभी वामदल शिक्षकों के मुद्दे पर शिक्षकों के साथ हैं. विधायक और विधान पार्षद दोनों सदन में विधानसभा सत्र के दौरान शिक्षकों के मुद्दे को लेकर अपनी आवाज बुलंद करेंगे" -रामनरेश पांडे, राज्य सचिव, भाकपा
शिक्षकों के आंदोलन में साथ देगी भाकपा : वहीं भाकपा माले के मीडिया प्रभारी कुमार परवेज ने कहा कि "शिक्षक नियमावली को लेकर शिक्षक संगठनों का जो विरोध है. उसमें भाकपा माले पूरी तरह शिक्षकों के साथ है और 11 जुलाई को शिक्षकों के होने वाले धरना प्रदर्शन और विधानसभा घेराव में पार्टी पूरी तरह शिक्षकों के साथ रहेगी". आगामी मानसून सत्र के दौरान ध्यानाकर्षण के दौरान पार्टी के विधायक सरकार से मांग करेंगे कि लगभग 4 लाख नियोजित शिक्षकों को शिक्षक बहाली प्रक्रिया से बाहर किया जाए .
बिना परीक्षा राज्यकर्मी का मिले दर्जा : सीपीआईएम के राज्य सचिव ललन चौधरी ने बताया कि शिक्षकों के मुद्दे पर तीनों वाम दल एकजुट हैं और शिक्षकों और शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ खड़े हैं. बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद ने कहा कि "प्रदेश के 4.10 लाख नियोजित शिक्षक राज्य कर्मी का दर्जा प्राप्त करने के लिए किसी भी प्रकार की परीक्षा देने का विरोध करते हैं. महागठबंधन सरकार अपने वादे के अनुरूप सभी नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दे".
" सरकार अपने वादे के अनुरूप सातवें चरण के शिक्षकों की बहाली करें और उसके बाद आगे से बीपीएससी के माध्यम से परीक्षा लेकर शिक्षकों की भर्ती कराना चाहे तो करे लेकिन अभी के समय ना तो शिक्षक अभ्यर्थियों पर ना ही शिक्षकों के ऊपर कोई परीक्षा थोपा जाए"- ललन चौधरी, राज्य सचिव, सीपीआईएम