पटनाः देश में बढ़ती महंगाई ( Rising Inflation ) को लेकर राजधानी पटना में वाम दलों ( Left Parties) ने अहम बैठक बुलाई, जिसमें सीपीआईएम ( CPI M ), सीपीआई ( CPI ) , सीपीआई एमएल ( CPI ML ), फॉरवर्ड ब्लॉक और आरएसपी के नेता शामिल हुए. इस दौरान मुख्य रूप से बढ़ती महंगाई को लेकर आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने पर चर्चा की गई. बैठक के बाद वामदलों ने ऐलान किया कि आगामी 30 जून तक महंगाई के खिलाफ विशेष महंगाई विरोधी अभियान चलाया जाएगा.
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लोगों की रोजी-रोटी पर हमला
वाम दलों के नेताओं ने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में लगातार वृद्धि से आम जनता की रोजी-रोटी पर भयंकर हमला किया जा रहा है. कोरोना महामारी के दौरान जनता की सहायता के बजाय सरकार लगातार आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को बढ़ा रही है. जिस कारण आम जनता के सामने भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है. इसलिए यह तय किया गया है कि इन मुद्दों को लेकर पार्टी विशेष अभियान चलाएगी और जिला समाहर्ता को पत्र सौंपेगी.
क्या है मांगें?
आयकर के दायरे से बाहर के परिवारों को 6 महीने तक 7500 रुपया देने, परिवार के प्रति सदस्य को 10 किलो अनाज के साथ खाद्य तेल चीनी मसाला दाल चाय आदि मुहैया कराने की मांग को लेकर यह अभियान चलाया जाएगा. आगामी 30 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन किया जाएगा.
राजधानी पटना में वामदलों की हुई बैठक राजद भी लगातार कर रहा विरोध
बता दें कि बढ़ती महंगाई का राजद भी लगातार विरोध कर रहा है. बीते दिनों राजधानी पटना में राजद ( RJD ) कार्यकर्ताओं ने वर्तमान सरकार के खिलाफ महंगाई को मुद्दा बनाकर मोर्चा खोल दिया. राजद कार्यकर्ताओं ने इस दौरान सरकार को चेतावनी दी कि महंगाई पर अंकुश नहीं लगाया गया तो सड़क से लेकर सदन तक चक्का जाम किया जाएगा.
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बढ़े हुए दामों को वापस लेने की मांग
कोरोना महामारी के दौर में जहां एक ओर लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ बेतहाशा महंगाई होने से लोगों का बजट बिगड़ गया है. बता दें कि पेट्रोल और डीजल 100 रुपए लीटर हो चुका है. वहीं सरसों तेल की कीमत 200 रुपए लीटर के पार तक पहुंच चुकी है. अगर रसोई गैस की बात करें तो वो 900 रुपये के पार है.
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कच्चे तेल और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति (WPI) की दर मई में बढ़कर रिकॉर्ड उच्च स्तर 12.94 प्रतिशत पर पहुंच गई. निचले आधार प्रभाव के चलते भी मई 2021 में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति तेजी से बढ़ी. मई 2020 में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति ऋणात्मक 3.37 प्रतिशत थी. यह लगातार पांचवां महीना है, जब थोकमूल्य सूककांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति बढ़ी है. अप्रैल 2021 में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति (WPI Inflation) दो अंकों में 10.49 प्रतिशत हो गई थी.