पटनाः बिहार कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है. संक्रमण के मामलों में जरूर कमी आई है. लेकिन विशेषज्ञ सरकार को तीसरी लहर को लेकर चेतावनी दे रहे हैं. तीसरी लहर में बच्चों पर प्रभाव पड़ने की संभावना है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि कोरोना की तीसरी लहरको देखते हुए सरकार कितनी तैयार है.
दरअसल अभी बिहार में चिकित्सा पदाधिकारी के कुल स्वीकृत पद 10609 हैं. जिसमें फिलहाल 6437 पद रिक्त हैं. राज्य में 61% चिकित्सकों के पद खाली पड़े हैं. बिहार में 1500 चाइल्ड स्पेशलिस्ट चिकित्सक होने चाहिए लेकिन फिलहाल राज्य के अंदर 550 के आस-पास ही चाइल्ड स्पेशलिस्ट हैं. यही वजह की कोरोना की तीसरी लहर को लेकर विशेषज्ञ अभी से सरकार को सचेत रहने की सलाह दे रहे हैं.
बिहार में चाइल्ड स्पेशलिस्ट की है कमी
कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार में थोड़ी कमी आई है और सरकार राहत का सांस ले रही है. लेकिन विशेषज्ञों को अब तीसरी लहर की चिंता सताने लगी है. तीसरे लहर में बच्चों पर असर अधिक होगा इस बात की संभावना जताई जा रही है. तीसरे लहर से निपटने के लिए चाइल्ड स्पेशलिस्ट, बच्चों के लिए नेबुलाइजर और वेंटिलेटर की जरूरत होगी जो आज की तारीख में पर्याप्त नहीं है.
बिहार सरकार पूरी तरह लापरवाह है. राज्य में ना तो चिकित्सक है और ना ही संसाधन है. लोग भगवान भरोसे हैं सरकार सिर्फ कुर्सी बचाने में जुटी है- चंद्रशेखर सिंह, राजद नेता