पटना: बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि महागठबंधन के नेताओं को राष्ट्रीय स्तर पर महत्व नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राह में रोड़ा खड़ा करना स्वभाविक है लेकिन जेडीयू के कुछ बड़े नेता आरजेडी के खेल में साथ देते हैं और अधिकारीगण इन्हें वास्तविकता का भनक नहीं लगने देते हैं. मुख्यमंत्री का स्वास्थ्य भी अब पहले जैसा नहीं है. सबों ने मिलकर ऐसा षडयंत्र रचा कि प्रधानमंत्री का उम्मीदवार तो दूर ये इंडिया गठबंधन का संयोजक भी नहीं बन पाए.
कानून-व्यवस्था पर भड़के नेता प्रतिपक्ष:विजय सिन्हा ने कहा कि राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता के कारण सरकारी कामकाज पर खराब असर पड़ा है. इसी के कारण प्रशासनिक अराजकता बढ़ी है और अपराध चरम पर है. समस्तीपुर, जमुई, बेगूसराय, सिवान, गोपालगंज और मुजफ्फरपुर सहित राज्य के सभी जिलों में अपराधियों और माफियाओं पर कार्रवाई करने में पुलिस सफल नहीं हो रही है. पुलिस द्वारा कार्रवाई किए जाने पर उनकी हत्या कर दी जाती है. अभी तक आधा दर्जन से अधिक दारोगा और पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी गई.
नए जनादेश का निर्णय लेना चाहिए:नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री को वास्तविकता स्वीकार करना चाहिए. यह क्षण कठोर निर्णय लेने का है. राज्य को बदहाली से निकालने के लिए उन्हें शीघ्र नया जनादेश का निर्णय लेना चाहिए. अपराधियों और माफियाओं द्वारा समानांतर सरकार चलाई जा रही है. अधिकारी सरकार से ज्यादा इनके मददगार और विश्वास पात्र हैं. मंत्री की बात अधिकारी नहीं सुनते हैं. जनता की समस्याओं के लिए बने लोक शिकायत निवारण केंद्र द्वारा पारित आदेश जेब में लेकर लोग घूम रहे हैं.
"जिस प्रकार दो राजा होने पर राज्य की दुर्दशा होती है, उसी प्रकार बिहार में सत्ता का दो केंद्र के कारण राज्य में अस्थिरता कायम हो गई. अनिश्चितता और अस्थिरता के माहौल में विकास और जन कल्याण सरकार की प्राथमिकता से बाहर हो गई. मेरा मानना है कि विधानसभा भंग कर जल्द चुनाव राज्य के लिए एक मात्र रास्ता है"- विजय कुमार सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधानसभा