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नगर निकाय चुनाव: आज शाम समाप्त हो जाएगा प्रचार, अंतिम दिन प्रत्याशियों ने लगाई पूरी ताकत

बिहार में निकाय चुनाव के दूसरे चरण के लिए आज शाम प्रचार थम जाएगा (Campaigning Ends For Bihar Municipal Election). प्रचार के अंतिम दिन प्रत्याशी पूरी ताकत झोंक दी है. बुधवार को दूसरे चरण में मतदान होना है. जिसकी तैयारी अंतिम चरण में है. पढ़ें पूरी खबर.

निकाय चुनाव का प्रचार समाप्त आज होगा समाप्त
निकाय चुनाव का प्रचार समाप्त आज होगा समाप्त

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Published : Dec 26, 2022, 9:08 AM IST

पटना:बिहार में नगर निकाय चुनाव (Municipal Elections In Bihar) को लेकर आज शाम प्रचार थम जाएगा. दूसरे चरण मेंपटना नगर निगम के 74 वार्डों में मतदान होगा. पटना नगर निगम चुनाव में महापौर पद के लिए 32 महिला उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. वहीं, उप महापौर पद के लिए 16 महिला उम्मीदवार उतरी हुई हैं. सभी प्रत्याशी अपने पक्ष में लोगों का समर्थन जुटाने के लिए जुटे हुए हैं.

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74 वार्डों में होगी वोटिंग: 75 वार्डों वाले पटना नगर निगम में इस बार 74 वोर्डों में वोटिंग की प्रक्रिया होगी. एक वार्ड में निर्विरोध जीत होने के कारण वहां मतदान नहीं हो रहा है. 74 वार्ड में कुल 17 लाख मतदाता 503 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे. मतदान को लेकर कई स्तर पर पदादिकारी बनाए गए हैं. नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है. बुधवार की सुबह सात बजे से मतदान शुरू हो जाएगा, जो शाम पांच बजे तक चलेगा. निगम क्षेत्र के 1891 मतदान केंद्र पर वोट डाले जाएंगे. सभी तरह की तैयारी पूरी कर ली गई है. वोट डालने के लिए आने वाले मतदाताओं के लिए मास्क अनिवार्य किया गया है.

28 दिसंबर को मेयर का चुनाव :पटना मेयर की सीट महिलाओं के लिए आरक्षित है. लेकिन अपने पति, पुत्र के किए कार्यों को लेकर के पोस्टर में भी जगह दिया गया है. निवर्तमान मेयर सीता साहू अपने कार्यकाल में बहुत सारे कार्यों को की हैं. उनका चेहरा जनता पूरी तरह से जानती और पहचानती है. क्योंकि सीता साहू पटना की मेयर रह चुकी हैं. और इस बार निवर्तमान मेयर के लिए चुनावी मैदान में हैं. सीता साहू इसलिए चर्चा में चल रही है, क्योंकि सीता साहू पहली बार जब मेयर बनी थी तो बीजेपी का काफी समर्थन मिला था. क्योंकि उस समय जनता के मतदान से मेयर नहीं चुने जाते थे बल्कि पार्षदों के वोट के बहुमत के अनुसार मेयर चुना जाता था. इसलिए सीता साहू मेयर बनी थीं. लेकिन सबसे बड़ी बात है कि मेयर पद के लिए जो भी उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, कहीं ना कहीं उनका सांठगांठ राजनीतिक दलों के साथ है. इसलिए मेयर की कुर्सी पर सभी राजनीतिक दलों की निगाह भी बैठी हुई है.

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