पटनाः बिहार की राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी के धनरूआ प्रखंड परिसर के पीछे पानी से भरे पईन में 25 कार्टन दवा फेंकी (Medicine found in pit in Patna ) मिली. दवा के पैकेट के ऊपर बीएमएसआईसीएल यानी बिहार मेडिकल सर्विसेज इंफ्रास्ट्रक्चर कार्पोरेशन लिमिटेड कंपनी का नाम अंकित है. धनरूआ प्रखंड परिसर से सटे सदीसोपुर-नदपुरा मार्ग स्थित रमणीबिगहा मोड़ के पास पानी से भरे पईन में रविवार की सुबह कई सारे कार्टनों फेंके मिले. इन कार्टन में बच्चों को दी जाने वाली विटामिन की दवा थी.
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25 कार्टन में भरी थी दवाईः पईन में 25 कार्टन में फेंके मिले, जिसमें दवाई भरी हुई थी. बताया जाता है कि सरकार के द्वारा उपलब्ध करायी जाने वाली दवा बिहार मेडिकल सर्विसेज इंफ्रास्ट्रक्चर कार्पोरेशन लिमिटेड कंपनी द्वारा उपलब्ध करायी जाती है. इससे तो यह स्पष्ट हो गया कि दवा धनरूआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या बाल विकास परियोजना कार्यालय की हो सकती है. इस कंपनी के द्वारा सार्वजनिक रूप से किसी को दवा नहीं दी जाती है.
सीडीपीओ ने करवा रही जांचः इधर बाल विकास परियोजना कार्यालय से बात की गई तो सीडीपीओ अर्चना कुमारी ने स्पष्ट किया कि हम जब से आये हैं. मेरे यहां दवा आई ही नहीं है. जब उनसे पूछा गया कि जहां दवा फेंकी मिली है. वहां कुछ आंगनबाड़ी केन्द्रों की पर्ची भी फेंकी मिली है. इससे स्पष्ट होता है कि पर्ची के साथ दवा को फेंका गया है. तब उन्होंने कहा कि अपने कार्यालय के कर्मी पवन कुमार को निर्देश दिये हैं कि कार्यालय में स्थित भंडार की जांच करते हुए वस्तुस्थिति से अवगत कराये. इधर इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ प्रतिभा कुमारी से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनके मोबाइल पर काॅल रिसिव नहीं हो पाया.
"हम जब से आये हैं. मेरे यहां दवा आई ही नहीं है. अपने कार्यालय के कर्मी पवन कुमार को निर्देश दिये हैं कि कार्यालय में स्थित भंडार की जांच करते हुए वस्तुस्थिति से अवगत कराये"- अर्चना कुमारी, सीडीपीओ
सीरप के साथ ओआरएस भी फेंका मिलाः धनरूआ में पानी से भरे पईन में मिली विटामिन की दवा है, 9-10 साल के बच्चों को दी जाती है. इसके साथ ही ओआरएस का घोल भी फेंका मिला. सीरप इसी माह फरवरी में ही एक्सपायर हो रही थी. जानकार बताते हैं कि फरवरी माह में दो दिन शेष बचे हैं. इसके बाद दवा किसी काम की नहीं रह जाएगा. इस वजह से दवा एक्सपायर होने के बाद अपनी किरकिरी न हो पानी से भरे पईन में रात के अंधेरे में फेंक दिया गया. बताया जाता है कि दवा को पिकअप पर लाद कर फेंका गया है. ग्रामीणों ने बताया कि शनिवार की रात इस वजह से फेंका गया क्योंकि रविवार को कार्यालय बंद रहेगा और मामला ज्यादा तूल नहीं पकड़ेगा.