पटना: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव शुक्रवार देर शाम अचानक मुख्यमंत्री आवास पहुंचे. लालू यादव के साथ उनके पुत्र उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी थे. बताया जाता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ दोनों ने बंद कमरे में लगभग आधे घंटे तक बातचीत की. गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिस प्रकार से कांग्रेस को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की रैली में नाराजगी दिखाई थी, उसके बाद से इस मुलाकात को महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
राजनीतिक गलियारे में सुगबुगाहटः लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के साथ नीतीश कुमार की मुलाकात के बाद सियासी चर्चा शुरू हो गई है. बिहार में भी सीटों का बंटवारा लटका हुआ है. कांग्रेस और वामपंथी दलों की ओर से अधिक संख्या में सीट की मांग की जा रही है. संभव है लालू प्रसाद यादव, बिहार में सीटों के बंटवारा के साथ इंडिया गठबंधन की आगे की रणनीति को लेकर नीतीश कुमार से चर्चा किए होंगे. नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद लालू प्रसाद यादव दीघा इलाके के भ्रमण के लिए निकल गए. उनके साथ शिवानंद तिवारी भी थे.
विधानसभा सत्र 6 नवंबर कोः 6 नवंबर से विधानसभा सत्र भी शुरू होना है. जातीय गणना की रिपोर्ट सदन में पेश किया जाना है. इसके अलावा बिहार सरकार की ओर से 2 नवंबर को 120000 से अधिक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटा गया है. उस कार्यक्रम में तेजस्वी यादव भी शामिल हुए थे. नीतीश कुमार ने 120000 और बहाली की घोषणा कर दी है. इन सब मुद्दों पर भी सियासत हो रही है. इस मुलाकात में इन मुद्दों पर भी चर्चा होने की संभावना व्यक्त की जा रही है.
नीतीश पहले भी जता चुके हैं नाराजगीः नीतीश कुमार ने कहा था कि कांग्रेस पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में व्यस्त है. इंडिया गठबंधन में इंटरेस्ट नहीं ले रही है. इसके बाद कई तरह के कयास लगाए जाने लगे थे. बाद में जदयू नेताओं ने इस पर सफाई भी दी थी. इससे पहले राष्ट्रपति के दौरे के दौरान मोतीहारी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में भी नीतीश कुमार ने कांग्रेस पर निशाना साधा था. भाजपा के साथ अपने संबंधों को ताजा किया था.
इसे भी पढ़ेंः 'INDIA गठबंधन में कांग्रेस की दिलचस्पी नहीं', CPI की रैली में सीएम नीतीश कुमार का बड़ा बयान