पटना:बिहार की राजधानी पटना में शनिवार को आरजेडी कार्यालय में आदिवासी सम्मेलन का आयोजन हुआ. इस मौके पर लालू परिवार से तेज प्रताप यादव सहित पार्टी के सभी दिग्गज पहुंचे हुए थे. वैसे तो इस कार्यक्रम में आरजेडी प्रमुख लालू यादव को भी आना था, लेकिन उनकी कुर्सी खाली ही रह गई. वह किसी कारणवश इस कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाए. सभी नेता और कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी कि इसमें भाग लेने पहुंचेंगे, लेकिन लोगों को बस इंतजार ही रह गया.
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पहली बार हो रहा आदिवासी सम्मेलन: इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि "पहली बार अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ ने आदिवासी सम्मेलन कराकर लोगों के बीच बिहार में यह संदेश दिया है कि लालू प्रसाद और तेजस्वी प्रसाद यादव ने जो मान-सम्मान और अधिकार आदिवासी समुदाय को दिया है. उसे आदिवासी समाज कभी नहीं भूल सकता है". कार्यक्रम का आयोजन अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सत्येन्द्र शाह गोंड की अध्यक्षता में आयोजित की गई.
रानी दुर्गावती को दी श्रद्धांजलि: इस अवसर पर रानी दुर्गावती की शहादत दिवस पर उनको नमन करते हुए नेताओं ने श्रद्धासुमन अर्पित की और उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण किया. वहीं पूर्व विधायक स्वीटी सीमा हेम्ब्रम ने आदिवासी समुदाय को मिले मान-सम्मान के प्रति राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव का आभार प्रकट किया और कहा कि प्रदेश अध्यक्ष ने अनुसूचित जनजाति को अलग से संगठन में स्थान देकर पार्टी के अन्दर आदिवासी समुदाय की बातों को मजबूती प्रदान की. कार्यक्रम का संचालन आनंद लकड़ा ने किया.
अनुसूचित जाति-जनजाति को 5 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग: इस सम्मेलन में प्रस्ताव के माध्यम से कई मांगें भी रखी गई. इनमें बिहार राज्य में अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत किये जाने, अनुसूचित जनजाति समुदाय का प्रतिनिधित्व विधान परिषद में हो, पटना में आदिवासी समुदायिक भवन का निर्माण किए जाने और विश्व आदिवासी दिवस 09 अगस्त को अन्य राज्यों की भांति बिहार में भी अवकाश घोषित किया जाना शामिल है.
'आरजेडी ने आदिवासियों को दिया मान-सम्मान': जगदानन्द सिंह ने कहा कि हर संघर्ष, आन्दोलन में आदिवासी समाज के मान-सम्मान के लिए राष्ट्रीय जनता दल सहभागी बनेगा. आदिवासी समाज ने अपनी संस्कृति और जंगल को बचाने में जो योगदान दिया है. उसे मजबूती देने के लिए हम सभी को इनके साथ मिलकर काम करना होगा. राष्ट्रीय जनता दल ने हमेशा गरीबों, शोषितों, पीड़ितों और आदिवासी समाज के मान-सम्मान को आगे बढ़ाने के लिए और मजबूती के साथ इनको हक और अधिकार देने का लालू प्रसाद और तेजस्वी प्रसाद यादव की जो सोच है. उसको सरजमीन पर महागठबंधन सरकार उतारेगी.
'पर्यावरण रक्षा के लिए सजग हैं आदिवासी समुदाय': इस अवसर पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तेज प्रताप यादव ने कहा कि आदिवासी समुदाय अपनी मेहनत और बल पर समाज के बीच पहचान बनाते हैं और निःस्वार्थ भाव से पार्टी के साथ जुड़कर जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत कर रहे हैं. बिहार में महागठबंधन सरकार वन और पर्यावरण के प्रति पूरी तरह से सजग है और इसके लिए पेड़ों की रक्षा तथा पेड़ लगाने का निरंतर अभियान चल रहा है. पर्यावरण की रक्षा में आदिवासी समुदाय का बहुत बड़ा योगदान है.
"आदिवासी समुदाय अपनी मेहनत और बल पर समाज के बीच पहचान बनाते हैं और निःस्वार्थ भाव से पार्टी के साथ जुड़कर जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत कर रहे हैं. बिहार में महागठबंधन सरकार वन और पर्यावरण के प्रति पूरी तरह से सजग है और इसके लिए पेड़ों की रक्षा तथा पेड़ लगाने का निरंतर अभियान चल रहा है"- तेज प्रताप, मंत्री, वन एवंं पर्यावरण