पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने बिहारवासियों के नाम पत्र के माध्यम से संदेश जारी किया है. उन्होंने जन्मदिन पर ढेर सारी बधाई देने के लिए यह चिट्ठी लिखी है.
बिहारवासियों को लालू प्रसाद यादव का धन्यवाद पत्र:-
प्यारे बिहारवासियों,
जन्मदिन पर आपकी ढेर सारी बधाई पाकर अभिभूत हूं. वर्तमान परिस्थिति में आपकी एक-एक बधाई मुझे संघर्षों का सम्बल, आशाओं का स्रोत, अन्याय का दमन और बदलाव की किरण दिखाई देती है. उम्र का ये भी पड़ाव है, शायद तबीयत उतना साथ नहीं दे रही, लेकिन हौसला तो अभी भी उतना ही है, अन्याय को मिटाने का जूनून रत्ती भर भी कम नहीं हुआ. लालू में आज भी वही ऊर्जा है जिसे लिए मैं फुलवरिया के अपने गॉंव से पटना चला था, ऊंच-नीच का भाव मिटाने की ऊर्जा, सामंती और तानशाही सत्ता को हटाने की ऊर्जा, गरीब-गुरबों के हक़ की आवाज़ उठाने की ऊर्जा. मेरे बिहारवासियों ये मेरे प्रति आपका स्नेह और विश्वास ही है कि ये ऊर्जा आज भी रत्ती भर कम नहीं हुई.
'बिहार के लोग संकट की इस घड़ी में दे रहे साथ'
आज बिहार के जो हालात हैं उस से मन गमगीन है, राजनीति मन से कोसों दूर है और बिहारी भाई-बहनों का दर्द मन में कहीं गहरे से बैठा है. क्या शब्द दूँ उस पीड़ को जो अपने बिहार से दूर अस्पताल के इस कमरे के भीतर मेरे मन में उठ रही है. बिहार में होता तो जतन में रत्ती भर कोताही ना करता, अब तेजस्वी और अपनी पार्टी के कन्धों पर ये जिम्मेदारी दी हैं. सत्ता ने जब-जब निराश किया. तेजस्वी और पार्टी ने मन को राहत दी और महसूस कराया कि भले ही कुर्सी पर बैठे लोग बेपरवाह हैं लेकिन मेरे राजद परिवार, मेरे बिहार के लोग संकट की इस घड़ी में एक दूसरे का बखूबी साथ दे रहें हैं.
जीवन भर विरोधी ये कहते रहे कि लालू हंसी-मजाक करता है, संजीदा नहीं होता. मेरे बिहारवासियों मैं आज ये आपसे कहना चाहता हूं कि मैं जीवन भर अपने दिमाग से हर वो प्रयत्न संजीदा होकर करता रहा जो मेरे गरीब, दलित, शोषित, वंचित और पिछड़े भाइयों का हक़ दिलाएं उनके जीवन को ऊपर उठाएं, और दिल से मेरी यही कोशिश रही कि मेरे बिहारवासी हमेशा हँसते रहें, मुस्कुराते रहें. मेरी एक बात सुनकर जब सामने खड़े लाखों लोग हंस देते हैं तो विरोधियों के सारे आरोप और तमगे मुझे बेमानी लगने लगते हैं.