पटनाःबिहार के पूर्व सीएम लालू यादव किडनी ट्रांसप्लांट के बाद फिलहाल पटना में ही हैं और वह लगातार अपने रथ पर सवार होकर घूमते फिरते नजर आते हैं. एक बार फिर वो अपने दोस्त शिवानंद तिवारी के साथ पटना के डाकबंगला चौराहा और इनकम टैक्स इलाके में घूमते नजर आए और वहां का नजारा देखा. वहां मौजूद लोगों ने भी उनकी तस्वीर लीं.
Lalu Yadav News : पुराने अंदाज में दिखे लालू यादव, दोस्त शिवानंद तिवारी के साथ पटना की सड़कों पर घूमने निकले.. देखें VIDEO - पटना न्यूज
किडनी ट्रांसप्लांट के बाद आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं. जहां एक तरफ वो सियासी बैठकों में शामिल हो रहे हैं, तो वहीं ज्यादा समय पटना में बिता रहे हैं. शुक्रवार को लालू यादव अपने पुराने दोस्त शिवानंद तिवारी के साथ एक बार फिर पटना की सड़कों पर घूमने निकले. देखें पूरी रिपोर्ट.
Published : Sep 16, 2023, 7:40 AM IST
|Updated : Sep 16, 2023, 9:00 AM IST
दोस्त शिवानंद तिवारी के साथ घूमने निकले लालूःशुक्रवार को एक बार फिर लालू यादव पटना की सड़कों पर गाड़ी में सवार होकर घूमते नजर आए. लालू यादव के साथ पूर्व सांसद जयप्रकाश यादव और उनके दोस्त शिवानंद तिवारी भी मौजूद थे. गाड़ी में सवार लालू यादव अपने आवास से निकल कर बेली रोड होते हुए डाक बंगला चौराहा पहुंचे. उसके बाद उनका काफिला गांधी मैदान की तरफ रवाना हो गया. कुछ देर के बाद वह अपने रथ से इनकम टैक्स की तरफ जाते हुए दिखे. हालांकि इस लालू यादव अपनी गाड़ी से बाहर नहीं निकले.
पटना के मरीन ड्राइव भी घूमने गए थे लालूः रथ पर सवार होकर लालू यादव शहर का हाल-चाल भी ले रहे हैं और आम लोगों से भी मिलते नजर आ रहे हैं. पिछले दिनों ही वो अपने रथ पर सवार होकर पटना के मरीन ड्राइव को देखने निकले थे. इसी दौरान वो गंगा नदी में स्टीमर पर बैठकर दीदारगंज में बन रहे नए गंगा ब्रिज को देखने भी पहुंचे थे. इन तस्वीरों को देखकर लगता है कि लालू यादव पूरी तर फिट हैं. जब कभी भी वो मीडिया से बात करते हैं तो कहते हैं कि अब हम फिट हो गए हैं और नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते नजर आते हैं.
अपने पैतृक गांव भी गए थे लालू यादवःबता दें कि इसीरथ पर सवार होकर ही लालू यादव अपने पैतृक गांव गए थे, उसके बाद हाल के दिनों में ही पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के साथ सोनपुर के हरिहरनाथ महादेव मंदिर में जाकर दर्शन भी किया था. एक बार लालू यादव रथ पर सवार होकर शाम में राजद कार्यालय पहुंच गए थे, लेकिन राजद कार्यालय का मुख्य द्वार बंद होने के कारण बाहर से ही उनका रथ वापस लौट गया था.