पटना:बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की खस्ता हालत को लेकर राजद का नीतीश कुमार की सरकार के खिलाफ हमला जारी है. राजद के नेता ग्रामीण इलाकों में स्थित बदहाल अस्पतालों की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं और राज्य सरकार पर निशाना साध रहे हैं. इसी क्रम में राजद प्रमुख लालू यादव ने सहरसा के रेफरल अस्पताल की फोटो रीट्वीट की है. इसके साथ ही उन्होंने पूछा है कि 1995 में मैंने इस अस्पताल का उद्घाटन किया था. इसे जमीनदोज कर जनता को सजा क्यों दी?
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आरजेडी सहरसा ने किया था ट्वीट
मंगलवार को आरजेडी सहरसा के ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया. ट्वीट में रेफरल अस्पताल चंद्रायन, सहरसा की फोटो पोस्ट की गई. इसके साथ ही लिखा गया कि यह कोई भूतों की किसी फिल्म की शूटिंग के लिए तैयार किया गया भूत बंगला का सेट नहीं है. यह सहरसा का रेफरल अस्पताल है. इसके शिलापट्ट पर लालू यादव का नाम होने की सजा जनता को मिली है.
14 करोड़ की लागत से बना था अस्पताल
लालू ने इस ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ट्वीट किया कि सहरसा में करीब 14 करोड़ की लागत से बने इस रेफरल अस्पताल का 1995 में मैंने उद्घाटन किया था. इसे पूर्वी और पश्चिमी तटबंध के अंदर बसे लाखों लोगों को इलाज उपलब्ध कराने के लिए बनाया गया था. संकीर्ण और नकारात्मक मानसिकता के धनी ने बाकी हजारों स्वास्थ्य केंद्रों की तरह इसे भी जमीनदोज कर दिया.
नालंदा में हमने बनाया अस्पताल, नीतीश ने करा दिया बंद
एक अन्य रीट्वीट में लालू यादव ने नालंदा जिला के हिलसा विधानसभा के करायपारसुराय प्रखंड के चकवाजितपुर उप स्वास्थ्य केंद्र की फोटो पोस्ट की है. इसके साथ ही लालू ने लिखा है कि नीतीश ने अपने गृह जिला नालंदा में भी हमारे द्वारा बनाया गया स्वास्थ्य केंद्र बंद करा दिया, लेकिन गुलाबी फाइलों में यह चालू है. इनके नाकारापन के वायरस ने ऐसे हजारों स्वास्थ्य केंद्रों की बलि ली है. क्योंकि इनके फाइलों में कार्यरत रहने से प्रसाद रूपी चढ़ावा प्राप्त होता रहता है.
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