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ताजपोशी पर आरजेडी की प्रतिक्रिया, लालू मजबूरी नहीं बल्कि पार्टी और बिहार के लिए हैं जरूरी

लालू 11वीं बार आरजेडी अध्यक्ष बनेंगे. विपक्ष आरोप लगा रही है कि आरजेडी परिवार से बाहर नहीं निकल सकती. अगर किसी दूसरे को अध्यक्ष बनाया गया तो लालू के हाथ से पार्टी निकल जाएगी.

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लालू प्रसाद

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Published : Dec 10, 2019, 4:18 PM IST

पटनाः आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के हाथों में फिर से पार्टी की कमान सौंपी गयी है. चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू की जगह पर उनके बेटे और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की ताजपोशी की चर्चा जोरशोर से चली. आखिरकार पार्टी की बोगडोर लालू ने अपने हाथों में ही रखा. पार्टी के वरिष्ठ नेता और लालू के करीबी मानते हैं कि उनके नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं को विश्वास है. यही कारण है कि उनके हाथों में कमान फिर सौंपा गया है.

लालू के हनुमान कहे जाने वाले विधायक भोला यादव ईटीवी भारत संवाददाता से इस संबंध में बातचीत की. भोला यादव का कहना है कि लालू मजबूरी नहीं बल्कि पार्टी के लिए जरुरी हैं. हर कार्यकर्ता चाहता है कि लालू यादव पार्टी के नेता बने रहें. भोला यादव ने खुलासा करते हुए कहते हैं कि कार्यकर्ताओं ने लालू यादव को पार्टी अध्यक्ष बनने के लिए मजबूर किया है. हालांकि परिवार के अंदर चल रहे खींचतान को खत्म करने के लिए लालू की ताजपोशी की बात से भोला यादव ने इंकार किया. उन्होंने बताया कि लालू यादव के अनुपस्थिति में तेजस्वी उनके कार्यों का निर्वहन कर रहे हैं.

आरजेडी विधायक भोला यादव

'सांप्रदायिक शक्तियों से हाथ मिलाने पर बदल जाती लालू की छवि'
सजायाफ्ता लालू यादव को फिर से पार्टी अध्यक्ष बनाने पर भोला यादव ने कहा कि लालू की जैसी किसी की छवि नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि लालू यादव को फंसाया गया. आरजेडी विधायक ने दावा किया कि अगर लालू सांप्रदायिक शक्तियों से हाथ मिलाते तो अनकी छवि उंची हो जाती. लेकिन हाथ नहीं मिलाने के कारण उनके छवि पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया जाता है.

बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल

लालू को जनता नहीं मानती सजायाफ्ता
वहीं, लालू के करीबी और वरिष्ठ नेता कांति सिंह का कहना है कि पार्टी सुप्रीमो आरजेडी के साथ-साथ जनता के लिए जरूरी हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह के मुताबिक जनता लालू को सजायाफ्ता नहीं मानती. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता चाहती है कि लालू जल्द से जल्द जेल से बाहर आएं. कांति सिंह के मुताबिक तेजस्वी को बिहार का कमान दिया गया है. ऐसे में लालू प्रसाद के हाथों में राष्ट्रीय स्तर पर कमान सौंपा गया है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह

तेजस्वी के नेतृत्व पर उठा सवाल
हालांकि, तेजस्वी के नेतृत्व में लोकसभा में आरजेडी को करारी हार मिल चुकी है. वहीं, लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव लोकसभा चुनाव में आरजेडी उम्मीदवार के खिलाफ अपना उतारा था. दोनों भाइयों के बीच मतभेद भी जगजाहिर हुआ. जिसके बाद परिवार और पार्टी के भीतर संतुलन बनाने के लिए लालू यादव द्वारा अपने हाथों में कमान रखने की बात कही जा रही है. बता दें कि इससे पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाये जाने की चर्चा जोरशोर से चली. लेकिन आखिरकार लालू को अध्यक्ष चुना गया.

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लालू परिवार से बाहर नहीं निकल रही आरजेडी
लालू प्रसाद के अध्यक्ष बनने पर विपक्ष ने तंज कसा. बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि आरजेडी लालू परिवार से बाहर नहीं निकल सकता. लालू यादव जेल के अंदर रहकर पार्टी चलायेंगे. बीजेपी नेता के मुताबिक आरजेडी के अंदर कोई दूसरा नेता भी नहीं है. अगर किसी दूसरे को नेता बनाया गया तो पार्टी उनके हाथों से निकल जायेगी. यही कारण है कि लालू अपने पास कमान रखना चाहते हैं और पार्टी को परिवार के अंदर ही सीमित रखना चाहते हैं.

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