पटना: लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी शुरू हो गयी है. बिहार में भारतीय जनता पार्टी और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है. लोकसभा चुनाव में दोनों गठबंधन दमदार प्रदर्शन करना चाहता है. वोट बैंक को साधने के लिए जातिगत सम्मेलनों का दौर भी शुरू हो गया है. राष्ट्रीय जनता दल जहां भाजपा के वोट बैंक में सेंधमारी कर भाजपा को झटका देना चाहता है, तो दूसरी तरफ भाजपा भी लालू प्रसाद यादव के 'माय' यानी कि मुस्लिम और यादव वोट बैंक में सेंधमारी करना चाहती है.
भाजपा कर रही अल्पसंख्यक सम्मेलन की तैयारीः लालू प्रसाद यादव की ताकत मुस्लिम और यादव वोट बैंक है. इन दोनों की संख्या करीब 31% है. लालू प्रसाद यादव इन वोटों के सहारे सत्ता में बने रहे. बता दें कि बिहार में 17% वोट अल्पसंख्यकों का है और 14 प्रतिशत वोट यादव जाति का है. बिहार बीजेपी की ओर से यदुवंशी सम्मेलन किया गया और 21000 यदुवंशियों को पार्टी में शामिल कराया गया. यदुवंशी सम्मेलन की सफलता के बाद भाजपा अल्पसंख्यक सम्मेलन करने की तैयारी में है. राजधानी पटना के बापू सभागार में अगले महीने अल्पसंख्यकों का सम्मेलन होगा. अल्पसंख्यक मोर्चा तैयारी में जुट गया है.
"गोपालगंज और मुजफ्फरपुर उपचुनाव में भाजपा ने अपनी ताकत दिखा दी है. अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने हमारे पक्ष में मतदान किया था. हम अल्पसंख्यकों का महाजुटान करने जा रहे हैं. अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का मोह राष्ट्रीय जनता दल से भंग हो चुका है. कार्यक्रम में हम अल्पसंख्यकों को यह बताने की कोशिश करेंगे कि केंद्र की सरकार ने आपके लिए क्या कुछ किया है."- तुफैल कादरी, अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रभारी
भाजपा सिर्फ वोट बैंक की सियासत करतीः यदुवंशी सम्मेलन में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि कारवां थमने वाला नहीं है. यदुवंशी सम्मेलन के बाद हम लोग अल्पसंख्यक सम्मेलन करने जा रहे हैं. बड़ी संख्या में यदुवंशी और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भाजपा में आना चाहते हैं. राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि यदुवंशी और अल्पसंख्यक राजद के साथ इंटैक्ट हैं. भाजपा सिर्फ वोट बैंक की सियासत करती है. गृह मंत्री अमित शाह ने यादवों के खिलाफ बयान दिया लेकिन किसी ने कुछ नहीं कहा. अल्पसंख्यकों को लेकर भी भाजपा के बड़े नेताओं की राय विभाजनकारी है.