पटना:बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था (Health System in Bihar) के साथ-साथ शिक्षा व्यवस्था (Education System in Bihar) का भी बुरा हाल है. राजधानी पटना के रिहायशी इलाके बेली रोड स्थित रुकनपुरा के प्राथमिक विद्यालय अब गैराज में तब्दील हो गया है. स्कूल में बच्चों की जगह गाड़ियों ने ले ली है.
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लालू के शासन में खुला था स्कूल
बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने इस प्राथमिक स्कूल का उद्घाटन 1996 में किया था. अब स्कूल में पढ़ाई नहीं होने की वजह से स्कूल में ना तो शिक्षक हैं और ना ही बच्चे. स्थानीय लोगों ने कहा कि अब स्कूल में पढ़ाई नहीं होती है, बल्कि चुनाव के समय सिर्फ यहां वोटिंग होती है.
रुकनपुरा का प्राथमिक विद्यालय गैराज में तब्दील स्कूल
2005 में जब बिहार की सत्ता नीतीश कुमार संभाल रहे थे, तो उन्होंने बिहार की बदहाल शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की बहुत सी घोषणाएं की थी. राज्य में सबको शिक्षा एक समान दी जाएगी. इसके लिए सरकार ने भवनों का निर्माण भी कराया है. साथ ही शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति की गई है. यहां तक हर गांव में प्राथमिक विद्यालय भी खोले गए और स्कूलों में बच्चों की संख्या भी बढ़ी है.
स्कूल में ना शिक्षक हैं ना बच्चे
लेकिन, जितने पुराने प्राथमिक विद्यालय हैं. उनमें अब शिक्षकों की कमी भी देखी जा रही है. हम आपको जो तस्वीर दिखा रहे हैं. यह राजधानी पटना का बेली रोड स्थित रुकनपुरा मुसहरी टोल का स्कूल है. जहां पर 1996 में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने इस स्कूल का उद्घाटन किया था. इसमें किसी समय दलित परिवार के बच्चे पढ़ाई किया करते थे.
स्कूल में बच्चों की जगह गाड़ियां
यहां पर तीन कमरों के स्कूल के लिए भवन का निर्माण तो हुआ, लेकिन आज स्कूल बदहाल अवस्था में पहुंच गया है. इस स्कूल में अब ना तो शिक्षक आते हैं और ना ही पढ़ने के लिए बच्चे आते हैं. स्कूल में अब पूरी तरह से अतिक्रमण हो चुका है, यहां बच्चे की जगह गाड़ी बनाने के लिए गैराज खोल दिया गया है. बंद स्कूल की तहकीकात करने के लिए ईटीवी भारत की टीम रुकनपुरा मुसहरी टोला प्राथमिक स्कूल में पहुंची तो यहां बच्चे की जगह स्कूल में गाड़ी खड़ी हुई मिली.
''यहां पर पढ़ाई अब नहीं होती है. जब से बिहार की सत्ता नीतीश कुमार संभाले हैं. तब से अभी स्कूल में पढ़ाई नहीं होती है. इस इलाके के बच्चे प्राइवेट स्कूल में जाकर पढ़ाई करते हैं.''-गोरख प्रसाद, स्थानीय
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चुनाव के समय होती है वोटिंग
वहीं, स्कूल के बाहर खेल रहे बच्चों से भी हमने बात की तो उन्होंने भी कहा कि अब हम पढ़ाई नहीं करते हैं. बच्चों से वजह जानने के लिए उनसे बात की तो बच्चे भाग गए. लेकिन कुछ लोग भी वहां थे जिनसे हमने बात की. उन्होंने बताया कि पिछले 3 सालों से इस स्कूल में पढ़ाई नहीं हो रही है. बल्कि जब भी चुनाव होता है, तो यहां वोट डाला जाता है. अब देखने वाली बात होगी कि इस बंद पड़े स्कूल को लेकर शिक्षा विभाग की तरफ से क्या कुछ प्रतिक्रिया आती है.