पटनाःबिहार की सियासत (Bihar Politics) में विपक्षी पार्टियों को तोड़ना लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के जमाने से खूब शुरू हुआ है. ऐसे तो पहले भी पार्टियां टूटती रही हैं. लेकिन पिछले तीन दशक की बात करें, तो लालू और नीतीश ने विपक्षी पार्टियों को तोड़ने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है. विपक्षी पार्टियों को तोड़ने का सिलसिला अभी भी जारी है. लोजपा (LJP) में भी बड़ी टूटी हुई है. कयास लगाए जा रहे हैं कि इसके पीछे सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का ही दिमाग है.
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नीतीश ने आरजेडी को भी तोड़ा
1990 में जब लालू प्रसाद यादव ने बिहार की सत्ता संभाला था, तो उसके बाद उन्होंने कई पार्टियों को तोड़ा. भाजपा और कम्युनिस्ट पार्टियों के विधायक को भी तोड़ा. लेकिन नीतीश कुमार लालू से भी दो कदम आगे निकल गए. बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी को तोड़ने में नीतीश कुमार ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ा. नीतीश राजद को 2010 से लगातार तोड़ रहे हैं.
कई विधायकों और सांसदों को दल में मिलाया
नीतीश ने लोजपा, रालोसपा, बसपा जैसी पार्टियों को कई बार तोड़ा है. उनके विधायकों और सांसदों को अपने दल में मिलाया. आरजेडी की बात करें तो 2014 में 13 विधायकों ने जावेद इकबाल अंसारी और सम्राट चौधरी के नेतृत्व में पाला बदलकर जदयू का दामन थाम लिया था. हालांकि जावेद इकबाल अंसारी फिर से आरजेडी में 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले चले गए और सम्राट चौधरी अब बीजेपी कोटे से मंत्री हैं.
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पांच विधान पार्षद जदयू में शामिल
2020 विधानसभा चुनाव से पहले 5 विधान पार्षद जदयू में शामिल हो गए. आधा दर्जन से अधिक विधायकों ने भी जदयू का दामन थाम लिया. नीतीश कुमार ने कांग्रेस के छह विधान पार्षद में से चार विधान पार्षद को जदयू में शामिल करा लिया. अशोक चौधरी के नेतृत्व में चारों विधान पार्षदों ने जदयू का दामन थामा था. अशोक चौधरी अभी भी मंत्री हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस के दो विधायक जदयू में शामिल हो गए और उन्हें टिकट भी मिला.
उपेंद्र कुशवाहा जदयू में हो चुके हैं शामिल
उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा की बात करें, तो नीतीश कुमार ने रालोसपा को तोड़ने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ा. रालोसपा के दोनों विधायकों के साथ एक सांसद को भी जदयू में शामिल करा लिया. अब उपेंद्र कुशवाहा अपनी पार्टी सहित जदयू में शामिल हो चुके हैं. इन दिनों लोजपा की सबसे अधिक चर्चा है और लोजपा को भी नीतीश कुमार ने पहली बार नहीं तोड़ा है. अभी पशुपति पारस के नेतृत्व में पांच सांसद चिराग पासवान से अलग हुए हैं. हालांकि जदयू में शामिल नहीं हुए हैं लेकिन राजनीतिक विश्लेषक लोजपा की टूट में नीतीश कुमार की अहम भूमिका मान रहे हैं.