पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 29 दिसंबर को दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी के साथ राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलायी. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की तिथि पहले से ही निर्धारित थी. इंडिया गठबंधन की बैठक के बाद राष्ट्रीय परिषद की बैठक भी बुलाने का फैसला लिया गया. राजनीतिक गलियारे में इस बात की चर्चा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब भी राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर बड़ा फैसला लेते हैं तो राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाते हैं. इस बार भी ललन सिंह को लेकर चर्चा है कि नीतीश कुमार उन्हें हटाकर नए राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनेंगे या फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी अपने पास ही रखेंगे.
"राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पहले भी दिल्ली में हो चुकी है. मुख्यमंत्री पटना में भी बैठक करते हैं. इस बार की बैठक में संगठन के विस्तार, पार्टी की मजबूती और 2024 की रणनीति बनेगी. राष्ट्रीय अध्यक्ष बदले जाने के बारे में मेरे पास कोई सूचना नहीं है. सब लोग अपना-अपना काम कर रहे हैं."- संजय गांधी, एमएलसी जदयू
चौंकाने वाले फैसले लेते रहे हैं नीतीश कुमारः जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष का बदलाव जब भी किया गया है फैसला राष्ट्रीय परिषद में ही लिया गया है. आरसीपी सिंह को जब राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया तो उस समय नीतीश कुमार खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. राष्ट्रीय परिषद की बैठक में आरसीपी के नाम का ऐलान किया था. जब ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाना था तो राष्ट्रीय परिषद की बैठक में ही उन्हें यह जिम्मेदारी आरसीपी सिंह से लेकर दी थी. उपेंद्र कुशवाहा को संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाना था, तब भी राष्ट्रीय परिषद की बैठक में ही फैसला लिया गया था. अब एक बार फिर से राष्ट्रीय परिषद की बैठक होने जा रही है. उसके बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की भी बैठक होगी. इसी कारण राष्ट्रीय अध्यक्ष बदले जाने के कयास लगाए जा रहे हैं.
ललन सिंह का ग्राफ गड़बड़ाया क्योंः ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने 2 साल से अधिक हो चुका है. इस दौरान बिहार में उपचुनाव भी हुए हैं. कई राज्यों में विधानसभा चुनाव भी हुए हैं, लेकिन पार्टी का प्रदर्शन बहुत बेहतर नहीं रहा है. नीतीश कुमार ने ललन सिंह को राष्ट्रीय पार्टी बनाने का टास्क दिया था, जिसमें वे फेल हो चुके हैं. इसके अलावा ललन सिंह की नजदीकियां लालू प्रसाद यादव से बढ़ी है. नीतीश कुमार इसको लेकर भी कहीं ना कहीं नाराज हैं. पिछले दिनों मुख्यमंत्री आवास में नीतीश कुमार के नजदीकी मंत्री अशोक चौधरी के साथ भी ललन सिंह का विवाद हुआ था, वह भी काफी चर्चा में रहा था. यह सब बड़े कारण हैं जिसके कारण नीतीश कुमार, ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा सकते हैं.
"हमारी पार्टी में नीतीश कुमार ही एकमात्र नेता हैं. जो भी फैसला लेंगे पूरी पार्टी उनके साथ है. सभी विधायक उनके साथ हैं."- डॉ संजीव, जदयू विधायक