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पटना: बिंद टोली में सुविधाओं का घोर आभाव, न सरकारी स्कूल है और न ही बेहतर स्वास्थ्य केंद्र

नीतीश सरकार का दावा है कि सभी गांवों में सड़कें बन गई हैं. लेकिन राजधानी स्थित बिंद टोली इलाके के लोगों को शहर पहुंचने के लिए नदी पार करना पड़ता है.

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Published : Jan 28, 2021, 1:13 PM IST

पटना: सरकार विकास के तौर पर भले ही लाख दावा करे पर जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. इसकी बानगी राजधानी स्थित बिंद टोली इलाके में देखने को मिली. यहां पर रहने वाले तकरीबन 3 हजार लोगों के बीच न तो सड़क है और न ही स्कूल है. यहां तक की इस इलाके में आंगनबाड़ी केंद्र भी नहीं है. ईटीवी भारत टीम ने जब यहां का जायजा लिया तो स्थानीय लोगों ने अपनी परेशानी सुनाई.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पुल न होने से बढ़ी परेशानी
बिंद टोली इलाका गंगा के किनारे बसा हुआ है और यह पटना के कुर्जी मुख्य सड़क से महज 500 मीटर की दूरी पर स्थित है. लेकिन दोनों के बीच गहरे नाले होने के चलते लोगों को घूम कर जाना पड़ता है. ज्यादा दूरी तय करने पर इनकी परेशानी काफी बढ़ जाती है और बारिश के समय इस क्षेत्र के अधिकतर हिस्से जलमग्न हो जाते हैं. यहां के लोगों की मानें तो स्थानीय बीजेपी के विधायक संजीव चौरसिया ने चुनाव के समय लोगों को गहरे नाले पर पुलिया बनाने की बात कही थी. लेकिन चुनाव जीतने के बाद एक बार भी वह इस इलाके में नहीं आए.

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लोगों में सरकार के प्रति नाराजगी
पटना नगर निगम के वार्ड-22 सी के पार्षद देवर और सामाजिक कर्ता पप्पू यादव की माने आज से तकरीबन 5 साल पहले दीघा में रेलवे ब्रिज की विस्तार को लेकर सरकार ने लोगों को हटाकर गंगा किनारे साढ़े छह एकड़ जमीन मे विस्थापित करने का कार्य किया था. लेकिन आज 5 साल बीतने के बाद भी यहां लोगों की सुविधा के लिए कोई ठोस कार्य नहीं किया गया है. जिसके चलते लोगों में सरकार के प्रति नाराजगी है.

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