पटना: समाज कल्याण विभाग (Social Welfare Department) के मंत्री और जदयू नेता मदन सहनी (Madan Sahni) ने अफसरों पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए गुरुवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. मदन सहनी ने कहा था कि अधिकारी मंत्री की बात नहीं सुनते. यह कोई एक विभाग का मामला नहीं है, बल्कि सभी विभागों में यही हाल है. कोई कहता है तो कोई छिपाता है. मदन सहनी के बयान से बिहार में अधिकारियों की मनमानी के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है.
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मेरे विभाग में नहीं अफसरों की मनमानी
पीएचईडी मंत्री रामप्रीत पासवान ने स्वीकार किया है कि कुछ अधिकारी मनमानी कर रहे हैं. वहीं, श्रम संसाधन विभाग के मंत्री जीवेश मिश्रा का कहना है कि उनके विभाग में अधिकारी की मनमानी जैसी बात नहीं है. उन्होंने कहा कि मेरे विभाग में ऐसा कुछ नहीं है. मदन सहनी पहले भी मंत्री रह चुके हैं. इस बार क्या परिस्थितियां बनी हैं इसे भली-भांति मदन सहनी ही जानते हैं. कल जो कुछ हुआ वह काफी दुखद है.
मंत्री को न सुनना मुख्यमंत्री को न सुनने जैसा
जीवेश मिश्रा ने कहा, "अफसरों की मनमानी के आरोप का मैं समर्थन नहीं करता. मेरे पास दो-दो विभाग हैं. मेरे विभागों में इस तरह की कोई बात नहीं है. मंत्री विभाग को चलाते हैं. ऐसे में मंत्री को न सुनना मुख्यमंत्री की बातों को न सुनने के बराबर है. जो अधिकारी मंत्री की बातों की अनदेखी करते हैं उनको नियमों का पालन करना चाहिए. मंत्री को भी अधिकारी के साथ सामंजस्य बैठाकर विभाग चलाना चाहिए. मंत्री जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं. जनता के कई सारे काम होते हैं. ऐसे में मंत्रियों की जवाबदेही ज्यादा होती है. अधिकारियों को यह बात समझनी चाहिए."
मुसीबत के समय दिल्ली भाग जाते हैं तेजस्वी
जीवेश मिश्रा ने कहा, "अधिकारी सरकार के होते हैं और लोकतंत्र में सरकार जनता की होती है. इसलिए लोकतंत्र में अफसरशाही की जगह नहीं है. अधिकारियों को मंत्री की बात सुननी ही पड़ेगी और सरकार के हिसाब से चलना ही पड़ेगा." वहीं, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के सवालों पर उन्होंने कहा कि बिहार पर जब मुसीबत आती है तो तेजस्वी दिल्ली भाग जाते हैं. तेजस्वी को उनके क्षेत्र में ही लोगों ने काला झंडा दिखाया है."
"तेजस्वी ने सरकार नहीं बनाया है कि गिरा देंगे. राज्य की जनता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनाया है. सरकार गिराने का हक जनता के पास है. तेजस्वी यादव को राजद को आगे ले जाने की जिम्मेदारी मिली है. उन्हें अपनी जिम्मेदारी निष्ठा पूर्वक निभानी चाहिए."- जीवेश मिश्रा, श्रम संसाधन मंत्री, बिहार सरकार
मदन सहनी ने लगाए थे गंभीर आरोप
बता दें कि मंत्री मदन सहनी ने गुरुवार को इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भेज दिया था. मंत्री ने कहा था कि विभागीय अधिकारियों की मनमानी से परेशान होकर मुझे ये फैसला लेना पड़ा है. अधिकारी बात नहीं सुनते हैं. यह कोई एक विभाग का मामला नहीं है, बल्कि सभी विभागों में यही हाल है, कोई कहता है तो कोई छिपाता है.
मंत्रियों की नहीं कोई पूछ
मदन सहनी ने समाज कल्याण विभाग के सचिव अतुल प्रसाद पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा था कि अधिकारी की मनमानी चलती है. सरकार के मंत्रियों की कोई पूछ नहीं है. मंत्रियों के आदेश का कोई मतलब नहीं है. मंत्री के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जाती हैं. ऐसे में मंत्री पद पर मेरे लिए बने रहना कहीं से भी उचित नहीं था.
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