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सूरत से लौटे परिवार को क्वॉरेंटाइन सेंटर जाने के लिए नहीं मिली कोई सुविधा, अस्पताल परिसर में घंटों किया इंतजार - Quarantine Center in patna

समिति सदस्य ने बताया कि सरकार रेड जोन से आने वाले प्रवासी मजदूरों पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया है. इसके बाद भी यहां के पदाधिकारी लापरवाह बने बैठे है.

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Published : May 24, 2020, 11:21 PM IST

Updated : May 28, 2020, 12:02 AM IST

पटना:पूरा देश कोरोना संक्रमण की महामारी से परेशान है. सरकार ने सभी अधिकारियों को आदेश जारी कर प्रवासी मजदूरों को क्वॉरेंटाइन कराने का निर्देश दिया है. इस क्रम में रेड जोन से लौटे प्रवासी मजदूरों पर विशेष नजर रखी जा रही है. लेकिन यहां के अधिकारी सरकार के इन निर्देशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं.

मजदूर को नहीं मिली मदद
ताजा मामला दुल्हिन बाजार प्रखंड के मुख्यालय अस्पताल का है. यहां एक प्रवासी मजदूर गुजरात के सूरत से अपने पूरे परिवार के साथ पटना लौटा. इसके बाद वह दुल्हिन बाजार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा. यहां डॉक्टरों ने उसकी जांच की और उसे परिवार सहित मॉडल क्वॉरेंटाइन सेंटर रकसिया रेफर कर दिया. लेकिन अस्पताल से सेंटर की दूरी लगभग पांच किलोमीटर है. मजदूर की पत्नी पैदल चलकर जाने में लाचार थी. इसकी जानकारी उसने अस्पताल के डॉक्टर और स्थानीय जनप्रतिनिधि सहित दुल्हिन बाजार प्रखंड के सीओ और बीडीओ को दी. लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की.

पेश है एक रिपोर्ट

एसडीओ ने दिलाया वाहन
इस बारे में सेल्होरी बेल्होरी पंचायत के पंचायत समिति सदस्य कारू यादव ने बताया कि उन्होंने खुद फोन कर बीडीओ चंदा कुमारी को प्रवासी मजदूर के बारे में बताया था. लेकिन, उस मजदूर की कोई खोज खबर नहीं ली गई. इसके बाद उन्होंने पालीगंज एसडीओ सुरेंद्र कुमार से इसकी शिकायत की, जिसके बाद तुरंत मजदूर सबित पूरे परिवार को क्वॉरेंटाइन सेंटर पहुंचाया गया. उन्होंने बताया कि सीओ राजीव कुमार को प्रवासी मजदूर के बारे में बताया गया था, लेकिन उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों को अस्पताल से क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजने के लिए वाहन नहीं है.

सूरत से परिवार के साथ लौटा है मजदूर
वहीं, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर आनन्द ने बताया कि सूरत से पति पत्नी अपने तीन बच्चों के साथ अस्पताल आया था जो दुल्हिन बाजार के सेल्होरी बाग का निवासी है. उसकी जांच करने के बाद उसे प्रखंड स्तरी क्वॉरेंटाइन सेंटर रेफर कर दिया गया. लेकिन वाहन उपलब्ध नहीं होने के कारण वह अस्पताल परिसर में ही बैठा रहा. मामले की जानकारी बीडीओ चंदा कुमारी दी गई लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया.

Last Updated : May 28, 2020, 12:02 AM IST

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