पटना: उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने श्रम संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक में भाग लिया. इस बैठक में सुशील मोदी ने निर्देश दिया कि चिकित्सा सहायता से वंचित 2,76,000 निर्माण श्रमिकों को निर्धारित 3000 रू प्रति व्यक्ति की दर से सहायता राशि उपलब्ध कराया जाए. साथ कई महत्वपूर्ण निर्देश भी दिया.
मजदूरों के कल्याण हेतु निर्माण एजेंसियो से 1 प्रतिशत की दर से सेस के रूप में संग्रहित 1815.72 करोड़ रू की राशि से कई महत्वपूर्ण फैसला लिया गया. लगभग 6,70,903 निर्माण श्रमिकों को 288.98 करोड़ रूपये की राशि चिकित्सा सहायता के रूप में उपलब्ध कराया गया है. 20 प्रकार के निर्माण कार्य में लगे लगभग 9,46,000 सक्रिय लाभुकों को अब तक 511.97 रू के व्यय से विभिन्न योजनाओं के तहत लाभांवित किया गया है.
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सेस की राशि का होगा उपयोग
श्रम संसाधन विभाग की बैठक में सुशील मोदी ने निदेश दिया है कि मजदूरों के कल्याण हेतु संग्रहित की जानेवाली सेस की राशि निजी क्षेत्र की निर्माण एजेंसियों से नगर निगम एवं नगर परिषद के नक्शा पारित करने के समय ही जमा करा ली जाए. सरकारी एजेंसियों की तुलना में निजी क्षेत्र की एजेंसियों के तरफ से काफी कम राशि जमा की जा रही है. केंद्रीय प्रक्षेत्र की निर्माण एजेंसियों के तरफ से भी सेस की राशि जमा करने हेतु भारत सरकार से आग्रह किया जा रहा है.
मजदूरों के कल्याण के लिए बनी योजना
उप मुख्यमंत्री ने मजदूरों के कल्याणार्थ चल रही मातृत्व लाभ, मृत्यु लाभ, चिकित्सा लाभ आदि दर्जन भर योजनाओं को पुनर्गठित कर 3-4 योजनाएं बनाने का निदेश दिया. इससे सभी लाभुकों को प्रत्येक वर्ष सम्मानजनक राशि दी जा सके.
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बैठक में कई अधिकारी थे शामिल
सुशील मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के 18-40 वर्ष आयु वर्ग के लगभग 5,21,000 निबंधित मजदूरों की बेहतरी के लिए राज्य सरकार 5 वर्षों के लिए प्रतिवर्ष 80 करोड़ रुपए व्यय करेगी. केन्द्र की तरफ से भी सालाना समान राशि दी जाएगी. वहीं , इस बैठक में संसाधन मंत्री विजय कुमार सिंहा के साथ कई अधिकारी मौजूद थे.