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कोरोना फाइटर की मिसाल: 'दूध का कर्ज' छोड़ 'फर्ज' निभा रही हैं पटना की निशि

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए एक तरफ जहां लोगों के बीच डर का माहौल है वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जो कोरोना मरीजों के बीच रहकर दिन-रात उनकी सेवा कर रहे हैं. धरती के 'भगवान' कहे जाने वाले डॉक्टर हों, नर्स हों या फिर लैब टेक्नीशियन हर कोई अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है. ऐसी एक कोरोना फाइटर हैं निशि पांडेय जो अपने परिवार और स्वास्थ्य की बिना परवाह किए अपनी जिम्मेदारी निभा रही है.

corona fighter in patna
corona fighter in patna

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Published : Apr 18, 2021, 9:28 AM IST

पटना:कोरोना महामारी की दूसरी लहर लोगों परकहर बनकर टूट पड़ी है. घर से बाहर कदम रखते ही एक अजीब सा डर मन में घर कर जाता है. कई तरह के वहम से दिल बैठ जाते हैं. लेकिन इन सबके बीच हम आपको मिलाने जा रहे हैं पटना के न्यू गार्डिनर हॉस्पिटल में कार्यरत लैब टेक्नीशियन निशि पांडेय से. जिनके बारे में जानने के बाद हम सबके अंदर थोड़ी हिम्मत और कोरोना को हराने का जज्बा जरुर जागृत होगा.

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निशि पांडेय निभा रही हैं अपनी जिम्मेदारी
छपरा की रहनेवाली निशि पांडेय पटना में अपने कर्तव्य का निर्वहन दिन-रात कर रही हैं. निशि पेशे से लैब टेक्नीशियन हैं और पटना के इनकम टैक्स चौराहा स्थित न्यू गार्डिनर हॉस्पिटल में पीपीई किट पहनकर लोगों का कोरोना टेस्ट कर रही हैं. निशि पांडेय के दो छोटे-छोटे बच्चे हैं. उनसे कई-कई दिनों तक उन्हें दूर रहना पड़ता है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

परिवार की सुरक्षा की भी चिंता
चूंकि निशि हमेशा कोरोना मरीजों से घिरी रहती हैं. ऐसे में अपने बच्चों से मिलने में भी उन्हें डर लगता है. यह डर सताता रहता है कि कहीं बच्चे संक्रमित ना हो जाएं. इसलिए निशि पांडेय लक्षण दिखते ही फौरन अपना टेस्ट कराती हैं और सबकुछ सामान्य रहने पर ही बच्चों के संपर्क में जाती हैं.

'जब मैं काम खत्म करके घर जाती हूं तो सबसे पहले स्नान करती हूं. उसके बाद ही घर में प्रवेश करती हूं. पहले तो अपने बच्चों से मिल भी नहीं पाती थी लेकिन अब धीरे-धीरे हालात समझ में आने लगा है. और एतिहात के साथ परिवार से मिलती हूं.'- निशि पांडेय, लैब टेक्नीशियन

बिना छुट्टी लिए निशि कर रहीं कोरोना मरीजों की सेवा

निशि के हैं दो मासूम बच्चे
निशि पांडेय के दो बच्चे, पांच और तीन साल के हैं. निशि इनकम टैक्स चौराहा स्थित न्यू गार्डिनर हॉस्पिटल में पीपीई किट पहनकर लोगों की जांच करती हैं. डॉक्टर के लिए ये क्षण बहुत ही चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.

'पिछले साल जिस तरह से कोरोना महामारी से देश में हाहाकार मचा हुआ था. उस समय थोड़ा डर जरुर लग रहा था. लेकिन फिर ख्याल आया कि हमें ही जांच करना है. लोगों की सेवा करनी है. लोगों की जांच करने के बावजूद भगवान की दया से मैं आज तक पॉजिटिव नहीं हुई.'- निशि पांडेय, लैब टेक्नीशियन

कोरोना टेस्ट करतीं निशि पांडेय

1 दिन में 400 टेस्ट
निशि एक दिन में 400 लोगों की जांच करती हैं. उन्होंने बताया कि करोना से डरना नहीं बल्कि लड़ना है, और इसके नियम ही इसके बचाव के उपाय हैं. साथ ही कोरोना फाइटर ने लोगों से मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की.

'घर पर मां उषा पांडेय दोनों बच्चों का ख्याल रखती हैं. उनकी देख- रेख करती हैं. पति हैदराबाद में काम करते हैं इसलिए मां का सपोर्ट नहीं होता तो कुछ नहीं कर पाती.'- निशि पांडेय, लैब टेक्नीशियन

आरटी-पीसीआर सैंपल लेती निशि की तस्वीर

प्रोटोकॉल का पालन जरुरी
निशि ने बताया कि कोरोना को हराने के लिए गाइडलाइन का पालन करना अति आवश्यक है. निशि मानती हैं कि कोरोना से बचाव के लिए सबसे पहले भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचना चाहिए, कम से कम लोगों से मुलाकात करनी चाहिए, मास्क और सेनिटाइजर का हमेशा प्रयोग करना चाहिए. निशि, निस्वार्थ भाव से आपदा की इस स्थिति में लोगों की सेवा कर रही हैं जो वाकई काबिले तारीफ है.

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