पटना: बिहार अपने गौरवशाली अतीत और महान संस्कृति के लिए न केवल देशभर में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी अलग पहचान रखता है. 22 मार्च 1912 को बंगाल विभाजन के फलस्वरुप बिहार राज्य अस्तित्व में आया. हालांकि रामायण, महाभारत से लेकर हर युग और हर दौर में बिहार का जिक्र मिलता है.
22 मार्च 1912 को बना बिहार
यूं तो बिहार का इतिहास चार से साढ़े चार हजार साल पुराना है, लेकिन राजनीतिक तौर पर 22 मार्च 1912 को बंगाल विभाजन के फलस्वरुप बिहार नाम का राज्य अस्तित्व में आया. बिहार का गौरवशाली इतिहास रहा है. 1857 के सिपाही विद्रोह में जहां बिहार के बाबू वीर कुंवर सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, वहीं, भारत छोड़ो आंदोलन में भी बिहार का उल्लेखनीय योगदान रहा. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने साल 1917 में बिहार के चंपारण से ही अंग्रेजों के खिलाफ सत्याग्रह की शुरुआत की थी. आपातकाल के बाद कांग्रेस के खिलाफ संपूर्ण क्रांति का बिगुल बजाने वाले लोकनायक जयप्रकाश नारायण भी इसी धरती के लाल थे. कभी बिहार को मगध के नाम से भी जाना जाता था. सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य, विक्रमादित्य और अशोक भी बिहार से ही हैं. बिहार की राजधानी पटना का नाम पहले पाटलिपुत्र था.
विहार से बना बिहार
बिहार शब्द (संस्कृत और पाली शब्द) विहार से बना है. बिहार बौद्ध संस्कृति का जन्म स्थान है, जिस वजह से इस राज्य का नाम पहले विहार और उससे बिहार बना. बिहार के उत्तर में नेपाल, पूर्व पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश और दक्षिण में झारखंड है. 94, 163 वर्ग किलोमीटर में फैले बिहार की जनसंख्या (2011 की जनगणना के अनुसार)10 करोड़ 38 लाख, 4 हजार 637 है. 9 प्रमंडल और 38 जिलों में बंटे बिहार में 101 अनुमंडल, 534 प्रखंड, 8 हजार 471 पंचायत और 45 हजार 103 गांव हैं.