पटना: कहते हैं राजनीति हमेशा नया रंग लेकर आती है. कभी केसरिया, तो कभी हरा, हर रंग से बिहार पटा हुआ है. होली के मौसम में पुष्पम प्रिया चौधरी नाम की लड़की ने नया रंग घोल दिया है. यह रंग विधानसभा चुनाव में क्या रंगत दिखाता है यह तो समय बताएगा, लेकिन जिस तरह एंट्री हुई है उससे तो साफ है कि कुछ ना कुछ धमाका जरूर होगा.
होली के मौसम में बिहार की राजनीति अचानक परिवर्तन के रंग में देख रही है. जहां एक ओर प्रशांत किशोर 'बात बिहार की' लेकर निकले हैं. तो वहीं, दूसरी ओर पुष्पम प्रिया चौधरी ने खुद को सीएम उम्मीदवार बताकर तहलका मचा दिया है.
राजनीति से पुष्पम का नाता
वैसे तो प्रशांत किशोर का कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं रहा है, लेकिन जब बात पुष्पम प्रिया की आती है तो दादा से लेकर पिता तक राजनीति में हाथ आजमा चुके हैं. आइये आपको बताते हैं कि आखिर पुष्पम प्रिया कहां से आती है? उनका पूरा बैकग्राउंड क्या है?
सबसे पहले बात पुष्पम के परिवार की
पुष्पम के दादा जी का नाम उमाकांत चौधरी था. उमाकांत चौधरी समता पार्टी के नेता थे. पुष्पम के पिता का नाम विनोद चौधरी है. डॉ. विनोद चौधरी प्रोफेसर हैं. इसके साथ ही विनोद चौधरी जेडीयू के एमएलसी भी रह चुके हैं.
बच्चों के साथ पुष्पम प्रिया क्या बोले पुष्पम के पिता
बेटी पुष्पम के इस कदम पर जेडीयू के पूर्व विधान पार्षद विनोद चौधरी कहते हैं कि पुष्पम ने विदेश में रहकर उच्च शिक्षा प्राप्त है. उसे अपने फैसले करने का अधिकार है. उन्होंने कहा कि बेटी को उनका पूरा आशीर्वाद है, लेकिन वे जेडीयू और नीतीश कुमार के प्रति अपनी निष्ठा बनाए रखेंगे.
पुष्पम प्रिया का कैरियर
पुष्पम प्रिया चौधरी दरभंगा की रहने वाली हैं. उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंसेज से मास्टर ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन किया है. आईडीएस, यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स से प्रिया ने डेवलपमेंट स्टडीज में एमए भी किया है. उन्होंने अपनी एक पार्टी बनाई है, जिसका नाम उन्होंने 'प्लूरल्स' रखा है. उन्होंने खुद को पार्टी अध्यक्ष बताया है. पुष्पम प्रिया के ट्विटर एकाउंट पर भी उन्होंने यह जानकारी शेयर की है.
पुष्पम प्रिया के लिए लगा पोस्टर 'बिहार की जनता के नाम पत्र'
पुष्पम प्रिया ने बिहार की जनता के नाम एक पत्र भी लिखा है. जिसमें उन्होंने कहा है कि, 'बिहार को बदलाव की जरूरत है और 'प्लूरल्स' के पास इसके लिए 2025 और 2030 का रोडमैप है. वो अगर बिहार की मुख्यमंत्री बन जाती हैं तो 2025 तक बिहार को देश का सबसे विकसित राज्य बना देंगी और 2030 तक इसका विकास यूरोपियन देशों जैसा होगा.
'प्रिया के पोस्टरों से पटा है पटना'
प्रदेश में जारी पोस्टर सियासत में पुष्पम प्रिया ने भी दिलचस्पी ली है. खुद को बिहार का मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करते हुए उन्होंने राजधानी के प्रमुख चौक-चौराहों पर खुद का भव्य पोस्टर लगवाया है. इस पोस्टर में उन्होंने पार्टी का नाम 'प्लूरल्स' बताते हुए एक अंग्रेजी के स्लोगन 'प्लूरल्स हैज अराइव्ड' के माध्यम से लोगों को आकर्षित करने की कोशिश भी की है.
गांधी मूर्ति के साथ पुष्पम प्रिया पुष्पम की बिहार वासियों से अपील
इस पोस्टर में अंग्रेजी में पंच लाइन लिखी गई है कि बिहार वर्तमान स्थिति से काफी बेहतर डिजर्व करता है, यह संभव है. पोस्टर में प्रोग्रेसिव सोच के लोगों को ज्यादा से ज्यादा जोड़ने की अपील की गई है. साथ ही पोस्टर में 'लव बिहार, हेट पॉलिटिक्स' का स्लोगन देते हुए खुद की पार्टी को सबसे प्रोग्रेसिव सोच वाली पार्टी बताया गया है. पोस्टर के माध्यम से पुष्पम की तरफ से अपील किया गया है कि बिहार के पुराने ताकत को वापस पाना चाहते हैं तो उनके साथ जुड़ें.