पटनाः बिहार में बाढ़ और सुखाड़ से हर साल किसानों के फसल बर्बाद हो जाते हैं, जिससे अन्नदाताओं को काफी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता हैं. इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने 10 अगस्त 2016 को अति महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की थी. जिससे प्राकृतिक आपदा में फसल को हुए नुकसान की भरपाई की जा सके.
देश भर के किसानों को फायदा
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत प्राकृतिक आपदाएं जैसे बाढ़, तूफान, फसलों में आग लग जाना, सूखा पड़ना, ओले गिरने से हुए नुकसान का आंकलन करके उसकी भरपाई की जाती है. केंद्र सरकार की इस योजना से बिहार सहित देश भर के किसानों को फायदा हो रहा है. यह योजना भारतीय कृषि बीमा कंपनी एलआईसी चलाती है. प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के आंकलन के बाद किसानों के खाते में पैसे ट्रांसफर करा दिए जाते हैं.
इन परिस्थितियों में मिलता है लाभ
- फसलों को प्राकृतिक आपदाओं, कीटों व रोगों से बुवाई से कटाई के बीच हुए नुकसान
- कटाई के बाद 14 दिनों तक खेत में सुखाने के लिए रखी गई फसल का बेमौसम बरसात, आंधी-तूफान और ओले गिरने से हुए नुकसान
- खेतों में लगे फसल का आकाशीय बिजली, बाढ़, जमीन धसने, ओले पड़ने, बादल फटने आदि से हुए नुकसान
- मौसम की वजह से बुवाई नहीं हो पाने से हुए नुकसान
किसे मिलता है योजना का लाभ?
देश के सभी किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ ले सकते हैं. जो किसान अपनी या किसी और की जमीन पर खेती कर रहे हो वो इस योजना के भागीदार हो सकते हैं. लेकिन जो किसान पहले से किसी योजना या बीमा का लाभ ले रहे हो वो इसका लाभ नहीं ले सकते हैं. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने के लिए किसान ऑनलाईन और ऑफलाईन दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं.