बिहार के स्कूलों में केके पाठक इफेक्ट कितना असरकार? देखिए ग्राउंड रिपोर्ट पटना: बिहार के सरकारी स्कूलों की शिक्षा में गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग ने हाल में कई कड़े फैसले लिए हैं. अब सरकारी विद्यालयों में शिक्षक क्लास रूम में मोबाइल नहीं चलाएंगे, ना मोबाइल में रिल्स देखेंगे. शिक्षक विद्यालय में समय पर आएंगे और फॉर्मल कपड़े में आएंगे. इन नियमों का पालन हो रहा है कि नहीं? इसको लेकर सरकार की ओर से लगातार औचक निरीक्षण किया जा रहा है. जिसका असर यह हुआ है कि विद्यालयों में गुरु जी अब राइट टाइम हो गए हैं. समय पर आ रहे हैं और पूरी तन्मयता से बच्चों को पढ़ा रहे हैं.
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राइट टाइम हुए गुरुजी: बताते चलें कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की ओर से बीते कुछ दिनों में कई दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. स्कूलों में शिक्षकों के मोबाइल के इस्तेमाल पर रोक लगाया गया है. हालांकि विद्यालय अवधि के दौरान अनिवार्य कॉल और शैक्षिक गतिविधियों के लिए ही मोबाइल का इस्तेमाल शिक्षक कर सकते हैं. इसके अलावा इससे पहले सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए निर्देश जारी हुआ कि फॉर्मल कपड़े पहनकर शिक्षक स्कूल में आएंगे. स्कूल में जींस टीशर्ट पहन कर नहीं आएंगे.
अब लेटलतीफी और गैरहाजिरी नहीं चलेगी : इसके अलावा बिना पूर्व सूचना के विद्यालय से शिक्षक अनुपस्थित नहीं रह सकते हैं. गुरुजी की लेट लतीफी भी अब स्कूलों में नहीं चलेगी. अगर ऐसा करते हुए कोई टीचर औचक निरीक्षण में पाया गया तो कार्रवाई होगी. कहीं-कहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अपने क्षेत्र के स्कूलों के लिए अलग दिशा निर्देश जारी कर दे रहे हैं जिससे शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है.
क्लास रूम में गुरुजी का बैठकर पढ़ाना भी मुश्किल : बीते दिनों बेगूसराय के चेरिया बरियारपुर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने अपने प्रखंड के सभी प्राथमिक विद्यालयों के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिया कि कक्षा में शिक्षक कुर्सी पर बैठकर नहीं पढ़ाएंगे, यदि कुर्सी पर बैठकर पढ़ाते हुए शिक्षक पकड़े जाते हैं तो करवाई होगी. हालांकि यह नियम पूरे बिहार के लिए लागू नहीं है. लेकिन कई विद्यालयों में अब गुरुजी कुर्सी पर बैठकर पढ़ाने के बजाय खड़े होकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं. अटेंडेंस लेना है या किताब की रीडिंग दिलवानी है, उसी दौरान शिक्षक कुर्सी पर बैठ रहे हैं. इसके अलावा बच्चों को पाठ्य समझाने और पढ़ाने के लिए बैठे-बैठे बोलने के बजाय खड़े होकर ब्लैकबोर्ड का इस्तेमाल करते हुए पढ़ा रहे हैं.
खड़े रहकर पढ़ाते हैं टीचर : पटना के बालक मध्य विद्यालय, अदालतगंज के प्रधानाचार्य राजेश कुमार ने बताया कि उनके विद्यालय में सभी क्लास रूम में कुर्सियां लगी हुई हैं. शिक्षक हमेशा कुर्सी पर बैठकर नहीं पढ़ाते हैं. शिक्षक खड़े होकर ही पढ़ा रहे हैं और कुछ समय जब बोर्ड पर लिखा हुआ बच्चे उतार रहे होते हैं अथवा जब शिक्षकों को अटेंडेंस लेना होता है उसी दौरान कुर्सी पर शिक्षक बैठते हैं.
जिलों में अलग अलग नियम ? : बालक मध्य विद्यालय के प्राचार्य राजेश कुमार ने कहा कि जहां तक कक्षा में चेयर पर बैठने का सवाल है तो शिक्षक अगर 45 मिनट का क्लास ले रहा है तो उसे कुछ समय के लिए कक्षा में चेयर पर बैठने का हक है. ताकि वह अगली कक्षा के लिए भी तरोताजा रहे. उन्होंने बताया कि उनका विद्यालय कक्षा 1 से 8 तक का विद्यालय है. उनके यहां मात्र 10 शिक्षक हैं. जिस भवन में उनका विद्यालय चलता है उसमें तीन विद्यालय चलते हैं. ऐसे में शिक्षकों और क्लासरूम की कमी के कारण दो शिफ्ट में उनका विद्यालय चलता है.
''विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति भी अच्छी रहती है. बच्चे स्कूल ड्रेस में ही आते हैं. सरकार की ओर से जो भी दिशा निर्देश आते हैं उसका पालन किया जाता है. विद्यालय के शिक्षक भी अपनी जिम्मेदारियों को समझते हैं. वह समझते हैं कि बच्चों को अनुशासित करने के लिए खुद अनुशासित रहना जरूरी है.''- राजेश कुमार, प्रधानाचार्य, बालक मध्य विद्यालय, अदालतगंज, पटना