पटनाःभगवानश्री राम की जन्मस्थली अयोध्या नगरी और बिहार का आपस में बहुत पुराना नाता रहा है. पिछले 70 साल के इतिहास में देखें तो उसमें भी बिहार का अयोध्या से काफी जुड़ाव रहा है. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए आचार्य किशोर कुणाल ने कई अहम जानकारियां दीं.
'बिहार का है अयोध्या से बहुत पुराना नाता'
आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि अयोध्या का बिहार से अटूट संबंध रहा है. माता सीता बिहार की थीं और वाल्मीकि ने रामायण में लिखा है कि ये सीता के महान चरित्र की गाथा है. उन्होंने बताया कि जिन्होंने रामलला की मूर्ति को स्थापित किया वो बाबा अभिरामदास थे, जो मधुबनी जिले के रहने वाले थे और बाद में साधु हो गए.
'वादी के तौर पर रामलला की जीत हुई है'
बातचीत के दौरान आचार्य किशोर कुणाल ने ये भी बताया कि राम जन्मभूमि आंदोलन के सबसे पुरोधा परमहंस जी थे, जिन्होंने मंदिर का ताला खुलवाने में अहम संघर्ष किया था. वो भी सोनपुर के पास के रहने वाले थे. वहीं, राम मंदिर केस में सूट 5 में जो जीत हुई है, उसका जो वाद बना था वो बनाया हुआ लाल नारायण सिन्हा का था, जो भारत के पहले अटॉर्नी जनरल थे. उन्हीं के सुझाव पर रामलला वादी बने थे. उन्होंने बताया कि राम मंदिर केस में वादी के तौर पर रामलला की जीत हुई है.
राम मंदिर से 1990 से जुड़े हैं किशोर कुणाल
एक अहम जानकारी देते हुए किशोर कुणाल ने बताया कि सिवान जिले के सैयद साबुद्दीन बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी में थे, वो इस मामले के काफी जानकार थे. वो खुद राम मंदिर केस से 1990 से जुड़े और कोर्ट से अंतिम दिन जो राम मंदिर का नक्शा बना वो उन्हीं का बनाया हुआ था और राम मंदिर पर उन्होंने दो वॉल्यूम की किताबें भी लिखीं हैं.