पटना: राजधानी के मैंगल्स रोड स्थित जगजीवन राम राजनीतिक शोध एवं अध्ययन संस्थान में ड्रग अवेयरनेस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. ड्रग अवेयरनेस कार्यक्रम ट्रांसजेंडर समाज के लिए काम करने वाली संस्था लायंस क्लब ऑफ पटना दोस्ताना की ओर से आयोजित किया गया. वहीं, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे रहे. साथ ही कार्यक्रम में राष्ट्रीय सामाजिक रक्षा संस्थान नई दिल्ली के निदेशक डॉ. वीरेंद्र मिश्रा भी मौजूद रहे.
पटना: किन्नर समुदाय ने ड्रग्स जागरूकता कार्यक्रम का किया आयोजन
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल डिफेंस की प्रशिक्षित कई किन्नरों ने कार्यक्रम में सहभागिता की. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बिहार में शराब बंदी के बाद गांजे, भांग, चरस और अफीम जैसे अन्य नशीले पदार्थों के बढ़ते उपयोग के खिलाफ लोगों को जागरूक करना था.
'ड्रग्स का बढ़ता प्रचलन चिंता का विषय'
गौरतलब है कि नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल डिफेंस की प्रशिक्षित कई किन्नरों ने कार्यक्रम में सहभागिता की. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बिहार में शराब बंदी के बाद गांजे, भांग, चरस और अफीम जैसे अन्य नशीले पदार्थों के बढ़ते उपयोग के खिलाफ लोगों को जागरूक करना था. किन्नर समाज की अनुप्रिया सिंह ने कहा कि ड्रग्स इंसान को ही नहीं बल्कि उसके पूरे परिवार को नुकसान पहुंचाता है. हमारे समाज में ड्रग्स के प्रति बढ़ता प्रचलन चिंता का विषय है. हमने नशे के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया है.
'नैतिकता का हो जाता है पतन'
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि बिहार सरकार का शराबबंदी कानून बहुत ही ऐतिहासिक फैसला था. उन्होंने कहा कि आने वाले सैकड़ों-हजारों साल बाद जब बिहार सरकार के सबसे अच्छे कार्यों की बात की जाएगी तो शराबबंदी का जिक्र जरूर किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि शराब और ड्रग्स इंसान के मस्तिष्क पर दुष्प्रभाव डालते हैं. ड्रग्स के नशे की गिरफ्त में आने के बाद मनुष्य की बुद्धि क्षीण हो जाती है और उसकी नैतिकता का पतन हो जाता है.