पटना:सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) आज जनता दरबार (Janta Darbar In Patna) में लोगों की शिकायतें सुन रहे हैं. सीएम के दरबार में सोमवार को गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग, निगरानी विभाग समेत कई अन्य विभागों से संबंधित अपनी समस्याएं लेकर लोग पहुंचे हैं. इस दौरान मुजफ्फरपुर एक बुजुर्ग अपने बेटे के अपहरण मामले की समस्या को लेकर पहुंचे. जिस पर सीएम ने तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
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वृद्ध फरियादी ने कहा, '...सर मेरे लड़के के अपहरण को दो साल होने वाला है. थाना प्रभारी कुछ नहीं करते हैं. वे केवल पैसे का डिमांड करते हैं.' जिसपर नीतीश कुमार ने कहा कि अभी तक इस मामले में कुछ हुआ नहीं है. जिसपर फरियादी ने कहा कि जी नहीं सर अभी तक तो कुछ नहीं हुआ. जिसपर नीतीश कुमार ने विभाग के अधिकारियों को फोन लगाने की बात कही.
जनता दरबार में मुजफ्फरपुर से पहुंचे फरियादी. ये भी पढ़ें:सीएम नीतीश को जनता दरबार में होने लगी गले में परेशानी, तुरंत मंगवाया गर्म पानी
सीएम ने विभाग के अधिकारी से फोन पर कहा, ''एक सज्जन मुजफ्फरपुर से आए हैं कह रहे हैं कि इनके लड़के का दो साल पहले अपहरण हो गया था. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. इस मामले में न कोई पकड़ाया न कुछ किया.. ऐसे कैसे भाई..जरा दिखवाइये तुरंत और वहां के लोगों से पूछिए. सज्जन कह रहे हैं कि लोग पैसा की मांग कर रहे हैं. इस मामले को तुरंत देखिए.''
बता दें कि जनता दरबार में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम हर महीने के पहले तीन सोमवार को आयोजित होता है. एक दिन में मुख्यमंत्री कई लोगों से मिलते है और उनकी समस्याएं सुनते है. हर सोमवार को अलग-अलग विभाग की समस्याएं ली जाती है. जनता दरबार में जिस दिन जिस विभाग की समस्या सुनी जाती है, उस दिन उस विभाग के तमाम पदाधिकारी और मंत्री मौजूद रहते हैं.
जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जा रहा है. बाहर से जो भी शिकायतकर्ता जनता दरबार में आ रहे हैं, उनकी कोरोना जांच के साथ वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है. हालांकि जनता दरबार में जहां पहले बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे, वहीं अब कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को आने की अनुमति दी जा रही है.
वहीं, जनता दरबार के बाहर भी बड़ी संख्या में लोग इस उम्मीद से पहुंच रहे हैं कि मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात हो जाएगी. लेकिन इस बार जनता दरबार में शिकायत सुनने की प्रक्रिया में बदलाव किया गया है. इस कारण जनता दरबार के बाहर आए लोगों को बिना मुख्यमंत्री से मिले ही लौटना पड़ता है.
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