पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले जेडीयू और लोजपा की तकरार बढ़ गई है. जेडीयू ने लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी से बाज आने की नसीहत दी है. जेडीयू ने कहा कि है कि बिहार में उसका गठबंधन बीजेपी से है, लोजपा से नहीं.
जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि, 'हमारा एलजेपी से बिहार में कोई गठबंधन नहीं है, 1998 से अब तक अटलजी जब थे, मोदीजी अब है, हमारा बीजेपी के साथ ही गठबंधन है और वह लंबे समय से है.'
नीतीश के नेतृत्व में चुनाव
केसी त्यागी ने कहा है कि 'लोकसभा में तो यह 1998 से शुरू हो गया था है. तीनों विधानसभा के चुनाव नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में लड़े गए हैं और इस बार भी उन्हीं के नेतृत्व में लड़े जाएंगे, ऐसा मोदी जी, अमित शाह जी और नड्डा जी ने कई बार कहा है.'
143 सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगे चिराग!
दरअसल, सोमवार को लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई सांसद चिराग पासवान की अध्यक्षता में बिहार लोजपा संसदीय बोर्ड की बैठक हुई. बैठक करीब 3 घंटे तक चली. पार्टी ने फैसला किया कि वैसी 143 सीटों पर उम्मीदवारों की सूची तैयार की जाए जिनपर बीजेपी के उम्मीदवार नहीं लड़ेंगे. जल्द ही इस सूची को केंद्रीय संसदीय बोर्ड के समक्ष रखा जाएगा.
क्या बिहार में टूटा जाएगा NDA?
सूत्रों की माने तो संसदीय बोर्ड के सदस्यों ने कहा कि जेडीयू के नेता कहते हैं कि लोजपा से गठबंधन नहीं है. ऐसे में लोजपा को जेडीयू के खिलाफ प्रत्याशी देना चाहिए. लोजपा कार्यकर्ताओं से सुझाव लेकर आये बोर्ड के सदस्यों ने कहा कि सीएम नीतीश के नाम से प्रदेश की जनता में उत्साह नहीं है, नीतीश के नेतृत्व में लोजपा को चुनाव नहीं लड़ना चाहिए, सीएम नीतीश ने कहा था कि कोरोना काल में चुनाव होना चाहिए, उनके इस बात से जनता नाराज है.
सूत्रों की माने तो, बिहार में लोजपा एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ सकती है. जेडीयू के खिलाफ हर सीट पर उम्मीदवार दे सकती है. हालांकि, केंद्र में लोजपा एनडीए के साथ बनी रह सकती है.