पटना: स्वतंत्रता सेनानी, कवि और पत्रकार माखनलाल चतुर्वेदी की 132वीं जयंती के अवसर पर राजधानी पटना स्थित बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन में काव्यांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन दीप प्रज्वलन कर किया गया और लोगों ने माखनलाल चतुर्वेदी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया.
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काव्यांजलि का आयोजन
कार्यक्रम की शुरुआत कवयित्री चंदा मिश्रा ने वाणी वंदना से की. इसके बाद वरिष्ठ कवि मृत्युंजय ने वर्तमान की त्रासदी को अपने कविता के माध्यम से बताया. हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष अनिल सुलभ ने कहा कि माखनलाल चतुर्वेदी जी अद्भुत प्रतिभा के कवि, पत्रकार और लेखक थे.
उनकी काव्य पुस्तक हिम किरिटीनी के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ साहित्य सम्मान, देव पुरस्कार से अलंकृत किया गया था. साहित्य अकेडमी से हिंदी का प्रथम अकेडमी पुरस्कार प्राप्त करने का गौरव भी उन्हें प्राप्त है.
''महान स्वतंत्रता सेनानी माखनलाल चतुर्वेदी सच्चे अर्थों में भारतीय साहित्य की आत्मा थे. जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए काफी संघर्ष किया और जेल की यातनाएं भी सही. विभागीय और हिंदी के प्रश्न पर भारत सरकार को पद्म भूषण सम्मान भी वापस कर दिया था. वे एक सच्चे राष्ट्र प्रेमी थे. उनके विपुल साहित्य के मूल में प्रेम राष्ट्र शक्ति और उत्सव की भावना है. उनकी जयंती के अवसर पर काव्यांजलि का आयोजन कर, उन्हें याद कर उनके आदर्शों पर चलने की कोशिश करेंगे''-अनिल सुलभ, हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष