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पटना की कौशल नगर स्लम बस्ती कंटेनमेंट जोन मुक्त, जिला प्रशासन ने हटाया बैरियर - Containment zone free slum colony

राजधानी में कोरोना मरीजों की संख्या में जिस तरह से लगातार इजाफा हो रहा है, उतनी ही तेजी से लोग स्वस्थ भी हो रहे हैं, जिसके बाद से जिला प्रशासन लगातार लॉकडाउन में ढिलाई दे रहा है.

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Published : May 25, 2020, 4:37 PM IST

पटनाःराजधानी में कोरोना संक्रमित मरीज बढ़ रहे हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी क्षेत्र हैं, जहां लगातार मरीज ठीक हो रहे हैं. पटना के बीपीएससी कार्यालय के पास कौशल नगर में एक महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी. प्रशासन ने उस एरिया को लगभग एक महीने सील रखा, एक महीने तक कोरोना पॉजिटिव नहीं मिलने के कारण आज उस क्षेत्र को कंटेनमेंटमुक्त कर दिया गया है.

मरीजों का आंकड़ा 2643 के पार
बिहार में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. आंकड़ा 2643 के पार हो चुका है. पटना की बात करें तो पटना में भी लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. यह आंकड़ा 200 के पार हो चुका है. जिस एरिया में संक्रमित मरीज मिल रहे हैं उस एरिया को जिला प्रशासन की तरफ से प्रतिबंधित घोषित कर दिया जा रहा है.

विनोद कुमार विमल, कर्मचारी

पटना जिला प्रशासन के जरिए 22 जगहों को कंटेनमेंट जोन के रूप में घोषित किया गया था. लेकिन अब जिला प्रशासन में कंटेन्मेंट जोन में बदलाव करते हुए नियम बनाया है. जिस एरिया में 25 दिन तक कोई भी मरीज नहीं निकलते हैं, उस एरिया को कंटेन्मेंट जोन से मुक्त कर दिया जाएगा.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

कौशल नगर स्लम बस्ती कोरोना मुक्त
ऐसे ही बीपीएससी कार्यालय के पास कौशल नगर स्लम बस्ती में पिछले दिनों महिला कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. जिसके बाद से इस एरिया को जिला प्रशासन के तरफ से सील कर दिया गया था. यहां पर पुलिस पदाधिकारी की तैनाती कर दी गई थी. ताकि इस एरिया के लोग बाहर न निकल सकें. 25 दिनों से ज्यादा हो गए हैं और अब इस एरिया में कोई भी व्यक्ति संक्रमित नहीं मिला है. जिसके बाद से जिला प्रशासन ने इस एरिया को कंटेन्मेंट मुक्त कर दिया है.

बीपीएससी स्लम बस्ती के पास कार्यरत विनोद कुमार विमल बताते हैं कि जिला प्रशासन की तरफ से बड़ा बाबू आए थे. उन्होंने निर्देश दिया है कि इस एरिया को अब ढ़ील दे दिया जाए. क्योंकि इस एरिया में अब कोई भी करोना संक्रमित मरीज नहीं पाए जा रहे हैं. इसलिए यहां के लोगों को अब बाहर निकलने दिया जाए. ताकि वह लोग अपना रोजगार कर सकें. परिवार का भरण पोषण करें.

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