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रातभर सदन में सोए रहे BJP विधायक, सुबह नाश्ता लेकर पहुंचे कर्नाटक के डेप्युटी CM - बिहार न्यूज

कर्नाटक के डेप्युटी सीएम जी परमेश्वर राव ने कहा कि वे लोग (बीजेपी विधायक) पूरी रात धरने पर थे, यह हमारी जिम्मेदारी है कि उनके लिए खाने और अन्य चीजों का इंतजाम करें.

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Published : Jul 19, 2019, 11:15 AM IST

कर्नाटक में राजनीतिक उथल-पुथल अभी खत्म नहीं हुआ है. इन सबके बीच, कर्नाटक के राज्यपाल वजूभाई वाला ने सीएम एचडी कुमारस्वामी को पत्र लिखकर शुक्रवार दोपहर डेढ़ बजे तक बहुमत साबित करने को कहा है. वहीं, कांग्रेस और भाजपा दोनों ने बहुमत परीक्षण और व्हिप को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने का एलान किया है.
वहीं, कुमारस्वामी सरकार के खिलाफ विश्वास प्रस्ताव को लेकर मतदान पर अड़े बीजेपी विधायकों ने रात भर सदन में ही धरना दिया. नींद आने पर चद्दर बिछाकर सदन में सो गए. सुबह हुई तो कर्नाटक के डेप्युटी सीएम जी. परमेश्वर सुबह उनके लिए नाश्ता, पानी लेकर पहुंचे हुए थे.


यही लोकतंत्र की खूबसूरती है: जी परमेश्वर राव
कर्नाटक के डेप्युटी सीएम जी परमेश्वर राव ने कहा कि वे लोग (बीजेपी विधायक) पूरी रात धरने पर थे, यह हमारी जिम्मेदारी है कि उनके लिए खाने और अन्य चीजों का इंतजाम करें. कुछ लोगों की डायबीटीज ब्लड प्रेशर की समस्या है, इसलिए हमने सारी चीजों का इंतजाम किया है. राजनीतिक के अलावा हम मित्र भी हैं, यही लोकतंत्र की खूबसूरती है.


आज डेढ़ बजे कुमारस्वामी की 'अग्निपरीक्षा'
इससे पहले गुरुवार को विधानसभा में दिनभर चले ड्रामे के बाद विश्वास मत पर वोटिंग नहीं हो पाई. 18 जुलाई को विधानसभा में विश्वास मत पर बहस शुरू हुई, लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी. मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने सदन में बीजेपी पर सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया. तो वहीं बीजेपी ने कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार पर जानबूझकर मतदान में देरी का आरोप लगाया.
कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी को शुक्रवार को दोहपर 1.30 बजे तक विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा है. राज्यपाल के इस निर्देश के बाद कर्नाटक में 13 महीने पुरानी कांग्रेस-जनता दल सेक्यूलर गठबंधन सरकार के सामने अब परीक्षा की घड़ी उपस्थित हो गई है.


इससे पहले कर्नाटक विधानसभा को गुरुवार को सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद (एस) व विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के विश्वास मत प्रस्ताव पर देरी करने को लेकर हंगामे के बाद विधानसभा को 30 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया। बाद में शाम में इसे शुक्रवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दिया गया. हालांकि दिन में मुख्यमंत्री एच.डी.कुमारस्वामी ने अपनी गठबंधन सरकार का सदन में बहुमत साबित करने के लिए प्रस्ताव पेश किया.

दिनभर चला हंगामा

विधानसभा अध्यक्ष के.आर.रमेश कुमार ने सदस्यों से कहा, "मैं सदन को 30 मिनट के लिए स्थगित करता हूं, ऐसा भाजपा के शक्ति परीक्षण की मांग के अव्यवस्था के कारण है और कांग्रेस बिना चर्चा के इसका विरोध कर कर रही है." इस दौरान सत्तारूढ़ सहयोगी दल के विधायक सदन के वेल में जमा हो गए थे.
कुमारस्वामी ने सुबह 11 बजे विश्वास मत प्रस्ताव पेश किया और इस पर बोलना शुरू किया। कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) नेता सिद्धारमैया ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से एक बिंदु उठाया, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के आदेश में कहा गया कि सत्तारूढ़ सहयोगी के 15 बागी विधायक सत्र में भाग लेने के लिए बाध्य नहीं है और पार्टी व्हिप उन पर लागू नहीं होगा.

BJP ने तत्काल शक्ति परीक्षण कराने का किया आग्रह
सिद्धारमैया ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए समय लिया और दूसरी पार्टी के सदस्यों ने इसमें समय लिए जाने पर दखल दिया। स्पष्ट रूप से इससे विश्वास मत परीक्षण में देरी हो रही थी. बहुत से भाजपा सदस्यों ने सत्तारूढ़ सहयोगी दल के समय गंवाने की इस युक्ति का विरोध किया. भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष से तत्काल शक्ति परीक्षण कराने का आग्रह किया. विश्वास मत परीक्षण में देरी हो रही थी और इसके बाद सदन दो दिन के सप्ताहांत के बाद सोमवार को शुरू होगा.

विश्वासमत परीक्षण में देरी का आरोप
करीब 20 विधायकों, जिसमें 15 बागी, दो कांग्रेस सदस्य श्रीमंत पाटिल व बी.नागेंद्र, दो निर्दलीय (आर.शंकर व एच.नागेश) व एक बसपा (एन.महेश) विधायक के विधानसभा से दूर रहने के साथ भाजपा सदस्यों ने सत्तारूढ़ सहयोगियों पर हार के डर से जानबूझकर विश्वासमत परीक्षण में देरी करने का आरोप लगाया.

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