कर्नाटक में राजनीतिक उथल-पुथल अभी खत्म नहीं हुआ है. इन सबके बीच, कर्नाटक के राज्यपाल वजूभाई वाला ने सीएम एचडी कुमारस्वामी को पत्र लिखकर शुक्रवार दोपहर डेढ़ बजे तक बहुमत साबित करने को कहा है. वहीं, कांग्रेस और भाजपा दोनों ने बहुमत परीक्षण और व्हिप को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने का एलान किया है.
वहीं, कुमारस्वामी सरकार के खिलाफ विश्वास प्रस्ताव को लेकर मतदान पर अड़े बीजेपी विधायकों ने रात भर सदन में ही धरना दिया. नींद आने पर चद्दर बिछाकर सदन में सो गए. सुबह हुई तो कर्नाटक के डेप्युटी सीएम जी. परमेश्वर सुबह उनके लिए नाश्ता, पानी लेकर पहुंचे हुए थे.
यही लोकतंत्र की खूबसूरती है: जी परमेश्वर राव
कर्नाटक के डेप्युटी सीएम जी परमेश्वर राव ने कहा कि वे लोग (बीजेपी विधायक) पूरी रात धरने पर थे, यह हमारी जिम्मेदारी है कि उनके लिए खाने और अन्य चीजों का इंतजाम करें. कुछ लोगों की डायबीटीज ब्लड प्रेशर की समस्या है, इसलिए हमने सारी चीजों का इंतजाम किया है. राजनीतिक के अलावा हम मित्र भी हैं, यही लोकतंत्र की खूबसूरती है.
आज डेढ़ बजे कुमारस्वामी की 'अग्निपरीक्षा'
इससे पहले गुरुवार को विधानसभा में दिनभर चले ड्रामे के बाद विश्वास मत पर वोटिंग नहीं हो पाई. 18 जुलाई को विधानसभा में विश्वास मत पर बहस शुरू हुई, लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी. मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने सदन में बीजेपी पर सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया. तो वहीं बीजेपी ने कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार पर जानबूझकर मतदान में देरी का आरोप लगाया.
कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी को शुक्रवार को दोहपर 1.30 बजे तक विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा है. राज्यपाल के इस निर्देश के बाद कर्नाटक में 13 महीने पुरानी कांग्रेस-जनता दल सेक्यूलर गठबंधन सरकार के सामने अब परीक्षा की घड़ी उपस्थित हो गई है.
इससे पहले कर्नाटक विधानसभा को गुरुवार को सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद (एस) व विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के विश्वास मत प्रस्ताव पर देरी करने को लेकर हंगामे के बाद विधानसभा को 30 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया। बाद में शाम में इसे शुक्रवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दिया गया. हालांकि दिन में मुख्यमंत्री एच.डी.कुमारस्वामी ने अपनी गठबंधन सरकार का सदन में बहुमत साबित करने के लिए प्रस्ताव पेश किया.