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मसौढ़ी में दिखा नवरात्र का उत्साह, पूजा पंडालों में किया गया कन्या पूजन

पटना जिले के मसौढ़ी में नवरात्र का उत्साह दिख रहा है. नवमी के दिन पूजा पंडालों में विधि विधान से कन्या पूजन किया गया. पढ़ें पूरी खबर...

Navratri celebration in Masaudhi
मसौढ़ी में नवरात्र का उत्साह

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Published : Oct 14, 2021, 8:29 PM IST

पटना:जिले के मसौढ़ी में नवरात्रका उत्साह (Navratri Celebration in Patna) दिख रहा है. गुरुवार को महानवमी के अवसर पर पूजा पंडालों में कन्या पूजन किया गया. नवमी के दिन कन्या पूजन (Kanya Puja) का खास महत्व है. महानवमी को मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है.

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शारदीय नवरात्र की नवमी के दिन षोडशोपचार पूजा करने के बाद हवन किया जाता है और नौ ग्रहों की पूजा अर्चना कर पूर्णाहुति होती है. इसके बाद कन्या पूजन का विधि विधान होता है. मां दुर्गा के नौ रूपों को मानकर नौ कन्याओं (जिसकी उम्र 2 साल से दस साल के बीच हो) का पूजन किया जाता है. कन्या पूजन के दौरान सभी कन्याओं के पैर धोये जाते हैं और उन्हें लाल रंग के वस्त्र भेंट करते हुए उनके माथे पर कुमकुम लगाकर पूजन किया जाता है और उन्हें भोजन करवाया जाता है.

ऐसी मान्यता है कि बिना कन्या पूजा के नवरात्रि का शुभ फल प्राप्त नहींहोता है. माता की कृपा भी अधूरी रह जाती है. इसी परंपरा को कुमारी पूजा के नाम से भी जाना जाता है. स्कंद पुराण के अनुसार 2 वर्ष की कन्या को कुमारी, 3 वर्ष की कन्या को त्रिमूर्ति, 4 वर्ष की कन्या को कल्याणी, 5 वर्ष की कन्या को रोहिणी, 6 वर्ष की कन्या को कालिका, 7 वर्ष की कन्या को चंडिका, 8 वर्ष की कन्या को शांभवी और 9 वर्ष की कन्या को दुर्गा का स्वरूप माना गया है. दस वर्ष की कन्या को सुभद्रा कहा जाता है.

कुमारी पूजा में एक छोटे लड़के को भी रखकर पूजा किया जाता है, जिसे बटुक या भैरव कहा जाता है. मान्यता है कि जिस प्रकार भगवान शिव ने हर शक्ति पीठ पर एक-एक भैरव रखा है. उसी तरह कन्या पूजन के दौरान भी एक बालक का पूजन किया जाता है.

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