पटना:सीपीआई (Communist Party of India) नेता और जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) आज कांग्रेस के हो गए. नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय (AICC Headquarter) में कन्हैया को पार्टी की सदस्यता दिलाई गई. कांग्रेस का हाथ थामने से पहले कन्हैया दोपहर आईटीओ स्थित शहीद-ए-आजम भगत सिंह पार्क गए और भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.
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बता दें कि कन्हैया सीपीआई के नेशनल एजक्यूटिव काउंसिल के सदस्य थे. 2016 में कन्हैया कुमार का जेएनयू अवतार काफी पॉपुलर हुआ था. राष्ट्रद्रोह कानून के खिलाफ आंदोलन, भड़काऊ भाषण, गिरफ्तारी के बाद कन्हैया वामपंथी राजनीति का नया चेहरा बनकर उभरे थे. जेएनयू से निकलने के बाद कन्हैया कुमार ने सीपीआई जॉइन की थी. 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बेगूसराय से बीजेपी के गिरिराज के खिलाफ ताल ठोंकी थी. करीब 22 प्रतिशत वोट हासिल करने के बावजूद वह हार गए थे. बेगूसराय में भूमिहार जाति के मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है और कन्हैया कुमार भी भूमिहार हैं.
2019 में चुनाव हारने से पहले तक कन्हैया कुमार प्रखर वक्ता के तौर पर देश में पहचाने जाते रहे. उन्होंने अपने भाषण में मोदी सरकार की नीतियों की जमकर बखिया उधेड़ी थी. मगर चुनाव के बाद वह पार्टी के भीतर ही विवादों के कारण निष्क्रिय हो गए. 2021 में बिहार प्रदेश कार्यालय सचिव इंदुभूषण वर्मा के साथ मारपीट के बाद उनकी पार्टी ने ही निंदा की थी. हैदराबाद में हुई नेशनल काउंसिल की बैठक में ये निंदा प्रस्ताव पारित किया गया था. उस बैठक में सीपीआई नेशनल काउंसिल के 110 सदस्य मौजूद थे. इनमें से सिर्फ तीन को छोड़कर, बाकी अन्य सभी ने कन्हैया के खिलाफ निंदा प्रस्ताव का समर्थन किया था.